वृक्ष, प्रकृति और परमात्मा के साथ हम सभी को जोड़ने का माध्यम-मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने अमृत वाटिका प्रांगण में ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान के अन्तर्गत अमृत स्तम्भ का लोकार्पण किया

अमृत वाटिका में हरिशंकरी के पौधे रोपित कर वृक्षारोपण महाअभियान-2023 के अन्तर्गत स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश में एक ही दिन में 05 करोड़ पौधे रोपित किये जाने के अभियान का शुभारम्भ किया

लखनऊ :  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए आगामी 25 वर्ष की व्यापक कार्ययोजना के साथ हम सभी को नए संकल्प, नए उत्साह और नई उमंग से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। हर नागरिक का कर्तव्य है कि समाज व राष्ट्र के लिए कार्य करे।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अमृत वाटिका प्रांगण में ‘मेरी माटी-मेरा देश’ अभियान के अन्तर्गत अमृत स्तम्भ के लोकार्पण अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने अमृत वाटिका में हरिशंकरी के पौधे रोपित कर वृक्षारोपण महाअभियान-2023 के अन्तर्गत स्वतंत्रता दिवस पर प्रदेश में एक ही दिन में 05 करोड़ पौधे रोपित किये जाने के अभियान का शुभारम्भ भी किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को 77 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर 09 अगस्त से 30 अगस्त के मध्य अमृतकाल के प्रथम वर्ष में प्रत्येक भारतवासी से कुछ संकल्प लेने का आह्वान किया था। इस संकल्प के क्रम में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। ‘मेरी माटी-मेरा देश’, ‘माटी को नमन वीरों का वंदन’ जैसे विभिन्न कार्यक्रम प्रारम्भ हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 09 अगस्त की तिथि प्रदेश के स्वाधीनता आंदोलन के साथ जुड़ी है। इसी तिथि को काकोरी ट्रेन एक्शन की वर्षगांठ के साथ हम सभी को जुड़ने का अवसर प्राप्त होता है। विगत 09 अगस्त, 2023 को ‘माटी को नमन वीरों का वंदन’ कार्यक्रम का शुभारम्भ काकोरी से किया गया। अमृत स्तम्भ की स्थापना प्रधानमंत्री जी के संकल्प के अनुरूप है। अमृत स्तम्भ को स्थापित करने के स्थान का चयन लखनऊ विकास प्राधिकरण ने लखनऊ की प्राण गोमती नदी के तट पर मनकामेश्वर वॉर्ड में किया है। यह अमृत स्तम्भ 75 की संख्या को विभिन्न रूपों में समायोजित करता है। चाहे वह अमृत कलश हो या अमृत स्तम्भ की ऊंचाई हो, कोनों की ऊंचाई हो, इन सभी को 75 की संख्या से किसी न किसी रूप में जोड़ा गया है। साथ-साथ अमृत वाटिका की भी स्थापना की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत एक माह में देश के अलग-अलग भागों में अतिवृष्टि के कारण व्यापक जनधन की हानि हुई है। प्रकृति के साथ जब भी हम खिलवाड़ करेंगे, उसके दुष्परिणामों से बच नहीं पाएंगे। अतिवृष्टि, सूखा जैसी विभिन्न घटनाएं हमें संकेत दे रही हैं। पौधरोपण के कार्यक्रम अच्छा प्रयास हैं। अमृत वाटिका के माध्यम से हमें पर्यावरण को बचाने के एक नए संकल्प के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण हैं नागरिक कर्तव्य। अक्सर हम अपने अधिकारों की चर्चा तो करते हैं, लेकिन कर्तव्यों से विमुख हो जाते हैं। प्रधानमंत्री जी ने संविधान को स्वीकार करने वाली तिथि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में आयोजित करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर विधानमंडल में नागरिक कर्तव्यों पर चर्चा हुई। नागरिक कर्तव्यों के साथ जुड़ते हुए हम जिस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उन कार्यों का निर्वहन ईमानदारी से करें। यही मातृभूमि के प्रति हमारा नमन है। पंचप्रण हम सबको नए उत्साह और नई उमंग के साथ जुड़ने की नई प्रेरणा प्रदान कर रहे हैं।

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