नामीबिया से आई चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इससे कुछ सप्ताह पहले भी एक अन्य चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। तीन शावकों के जन्म को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह खबर साझा की है।
मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कुनो नेशनल पार्क से एक बार फिर खुशखबरी आई है। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने तीन शावकों को जन्म दिया है। वन विभाग की टीम ने तीन शावकों के पैदा होने की खुशखबरी शेयर की है। कुनो नेशनल पार्क में तीन शावकों का जन्म होने की खुशखबरी केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शेयर की है।
बता दें कि नामीबिया से आई चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इससे कुछ सप्ताह पहले भी एक अन्य चीता ने तीन शावकों को जन्म दिया था। तीन शावकों के जन्म को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह खबर साझा करते हुए कहा, ‘‘कूनो के नए शावक! नामीबियाई चीता ज्वाला ने तीन शावकों को जन्म दिया है।
उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले सभी वन्यजीव योद्धाओं और देशभर के वन्यजीव प्रेमियों को बधाई। भारत का वन्य जीवन समृद्ध हो।’’ बता दें कि कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने तीन जनवरी को बताया था कि नामीबियाई चीता आशा ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले ज्वाला (नामीबियाई नाम सियाया) ने पिछले साल मार्च में भी चार शावकों के जन्म दिया था।
जानकारी के मुताबिक इस परियोजना का मूल उद्देश्य है कि स्वतंत्र भारत में चीतों की विलुप्त हुई आबादी को फिर से वापस लाया जा सके। चीतों की संख्या में बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से ही चीतों को भारत लाया गया है। बता दें कि भारत में सितंबर 2022 को आठ चीतों का पहला बैच लाया गया था।
पिछले साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा बैच लाया गया था। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 वयस्क चीतों में से सात की मौत होने पर चीता संरक्षण परियोजना की तीखी आलोचना की गयी थी। चीतों की मौत होने के संबंध में अधिकारियों ने भी जानकारी दी थी।