दिव्य गुरु परम्परा ने अपनी साधना व सामर्थ्य से सिख समाज सहित पूरे देश और सनातन धर्म को सुरक्षा प्रदान की – मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ने श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के शहीदी दिवस के अवसर पर यहियागंज स्थित गुरुद्वारे में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष मत्था टेका

चार साहिबज़ादों की शहादत से आज की युवा पीढ़ी और बच्चों को परिचित कराना चाहिए, यह आदर्श आज देश व धर्म की सबसे बड़ी आवश्यकता, वर्तमान युवा पीढ़ी को यह बताने की आवश्यकता कि देश और धर्म के लिए उम्र बाधा नहीं होती

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यहां यहियागंज स्थित गुरुद्वारा श्री तेग बहादुर साहिब जी में श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के शहीदी दिवस के अवसर पर आयोजित शबद-कीर्तन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री गुरु ग्रन्थ साहिब के समक्ष मत्था टेका। उन्होंने गुरु परम्परा के 9वें गुरु श्री तेग बहादुर जी महाराज की शहादत व बलिदान के लिए उनकी स्मृतियों को नमन करते हुए राज्य सरकार और प्रदेशवासियों की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सभी को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए कि दिव्य गुरु परम्परा का सान्निध्य सिख पंथ के अनुयायियों को प्राप्त हुआ। उन्होंने अपनी साधना व सामर्थ्य से न केवल सिख समाज को, बल्कि पूरे देश और सनातन धर्म को सुरक्षा प्रदान की तथा एक लम्बे समय तक उन्हें अभय भी प्रदान किया। गुरु परम्परा ने भक्ति परम्परा से ऊपर उठकर उस समय के तत्कालीन समाज को एक नई दिशा देने का कार्य किया। यह गुरु परम्परा निरन्तर आगे बढ़ती रही। शहादत और बलिदान की यह परम्परा श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज से गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज तक पहुंचते-पहुंचते शक्ति का दिव्य पुंज बनकर सामने आयी। गुरु परम्परा सनातन धर्म व भारत की रक्षा के लिए अपने आपको बलिदान करने से कभी नहीं चूकी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माता गुजरी, गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज व उनके चार साहिबज़ादों का संघर्ष और बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है। इससे पूर्व, वर्ष 2020 तथा वर्ष 2021 में चार साहिबज़ादों की शहादत को समर्पित ‘साहिबज़ादा दिवस’ का आयोजन मुख्यमंत्री आवास पर सम्पन्न हुआ था। चार साहिबज़ादों की शहादत से आज की युवा पीढ़ी और बच्चों को परिचित कराना चाहिए। यह आदर्श आज देश व धर्म की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इस कार्यक्रम की श्रृंखला अनवरत आगे बढ़ती रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु परम्परा में दिव्य विभूतियां थीं। उनकी साधना हम सबकी शक्ति का आधार है। आज भी देश और दुनिया में सिख स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता के साथ कार्य करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। यही गुरु का आशीर्वाद है।
  मुख्यमंत्री ने कहा कि महान सिख गुरुओं का इतिहास हम सबके जीवन में एक नई प्रेरणा प्रदान करता है। हमें निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। इस परिमार्जन के लिए हम सबको अपने आप को तैयार करना होगा। हमें एकजुट होकर इस अभियान का हिस्सा बनना होगा। उन लोगों से सावधान होने की आवश्यकता है, जो हिंदुओं और सिखों के बीच खाई पैदा करना चाहते हैं। कुछ लोग अनावश्यक रूप से इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं। इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख, गुरुद्वारा प्रबन्ध समिति के पदाधिकारीगण सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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