आधुनिक राष्ट्र की परिकल्पना डॉ अंबेडकर के बिना अपूर्ण:प्रोफेसर सत्यकाम

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में सोमवार को भारत रत्न बोधिसत्व डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 134वी जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय के गंगा परिसर में स्थित प्रशासनिक भवन में पुष्प अर्पण एवं पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने भारतरत्न डॉ अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने डॉ भीमराव अंबेडकर के संपूर्ण जीवन-दर्शन का सारगर्भित तथा तार्किक विश्लेषण किया। उन्होंने कहा कि नए राष्ट्र की परिकल्पना डॉ अंबेडकर के बिना हो ही नहीं सकती। वह एक आधुनिक राष्ट्र निर्माता थे। उनके मन में किसी के प्रति कभी कोई द्वेष भाव नहीं था। इसीलिए वह महान हो गए। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व कालजई है। वे राष्ट्र निर्माण के प्रबल तथा प्रखर समर्थक थे। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर को किसी विचारधारा एवं धारा में सीमित करना गलत है। वह सर्व समाज के चिंतक तथा विचारक थे। इससे पूर्व मानविकी विद्या शाखा के डॉ अतुल कुमार मिश्रा ने डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवन-दर्शन के कई सुन्दर आयाम प्रस्तुत किए एवं गांधी तथा अंबेडकर के विचारों की सार्थकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुनील कुमार, सहायक आचार्य, समाज विज्ञान विद्या शाखा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर एस कुमार, निदेशक, समाज विज्ञान विद्या शाखा ने दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भारतरत्न डॉक्टर भीमराव अबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त की। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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