महाकुंभ में तमिल डेलिगेट्स ने किया संगम स्नान 

— डिजिटल कुंभ प्रदर्शनी देख जताई खुशी 

प्रयागराज। प्राचीन भारत में शिक्षा और संस्कृति के दो महत्वपूर्ण केंद्रों वाराणसी और तमिलनाडु के बीच जीवंत संबंधों को पुनर्जीवित करने क्रम में काशी तमिल संगमम का आयोजन किया जा रहा है। इसके तीसरे संस्करण के अंतर्गत यह दल आएगा जिसमें युवाओं की अधिक भागदारी होगी। दक्षिण भारत काशी आये युवाओं के दल ने आज संगम में स्नान किया। 

तमिल संगमम में आए युवाओं के प्रथम दल का मेला एवं जिला प्रशासन ने स्वागत किया। सेक्टर 22 स्थित टेंट सिटी में उनका स्वागत हुआ। प्रतिनिधि संगम में स्नान करने के बाद अयोध्या धाम के लिए रवाना हो गये। 

महाकुंभ में स्नान करके जीवन हुआ धन्य

काशी पहुंचे तमिल डेलिगेट्स ने संगम स्नान करके ख़ुशी जताई। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन बड़ा है और केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धमेंद्र प्रधान जी इसको आगे बढ़ा रहे हैं। डेलीगेट्स ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय की ओर से जो कार्यक्रम कराय जा रहा है, यह बहुत सुंदर हैं। हम लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि एक साथ तीन धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर पायेंगे। उन्होंने कहा हम लोगों कभी खुशी है संगम क्षेत्र का भ्रमण करके काफी अच्छा लगा। एक डेलिगेट्स ने कहा व्यवस्था को लेकर काफी खुशियां जताई। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय काशी तमिल संगमम का आयोजन कर रहा है। आयोजन का यह तीसरा संस्करण है। 

काशी तमिल संगमम का तीसरे संस्करण की थीम

काशी तमिल संगमम का तीसरा संस्करण भारतीय चिकित्सा की सिद्ध प्रणाली के संस्थापक और तमिल भाषा के प्रथम व्याकरणविद ऋषि अगस्त्यर के योगदान की थीम पर आधारित है। ऋषि अगस्त्यर चोल, पांड्य आदि जैसे अधिकांश तमिल राजाओं के कुलगुरु थे। इस वर्ष के आयोजन का मुख्य विषय सिद्ध चिकित्सा पद्धति (भारतीय चिकित्सा), शास्त्रीय तमिल साहित्य और राष्ट्र की सांस्कृतिक एकता में ऋषि अगस्त्यर के महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना है।

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