Nawab Malik के ‘अपमान’ को लेकर सुले ने साधा भाजपा पर निशाना

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फिलहाल वह चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं। मलिक ने बृहस्पतिवार को यहां महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लिया। वह सदन में सबसे अंतिम पंक्ति में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के एक विधायक के पास में बैठे थे।

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को “भ्रष्ट जुमला पार्टी” बताया है और उस पर महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक का “अपमान” करने व अजित पवार समूह को फंसाने का आरोप लगाया है। उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मलिक को सता पक्ष की सीट पर बिठाने का विरोध करते हुए अजित पवार को पत्र लिखा था।

जिसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सुले ने कहा, मैंने वह पत्र पढ़ा है और जिस तरह से नवाब मलिक का अपमान किया गया है वह गलत है।उन्होंने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा “भ्रष्ट जुमला पार्टी” बन गई है और उसने अजित पवार समूह को फंसाया है। फडणवीस ने बृहस्पतिवार को अजित पवार को पत्र लिखकर धनशोधन मामले में आरोपी मलिक को सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में शामिल करने पर अपनी आपत्ति जताई थी।

भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े धनशोधन के मामले में ईडी ने फरवरी 2022 में मलिक को गिरफ्तार किया था।फिलहाल वह चिकित्सकीय आधार पर जमानत पर हैं। मलिक ने बृहस्पतिवार को यहां महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भाग लिया। वह सदन में सबसे अंतिम पंक्ति में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के एक विधायक के पास में बैठे थे।

जेल से रिहाई के बाद मलिक ने पहली बार विधानमंडल के सत्र में हिस्सा लिया था। फडणवीस ने अजित पवार को लिखे पत्र में कहा था कि एक विधायक के तौर पर मलिक को विधानमंडल के सत्र में हिस्सा लेने का अधिकार है और ‘‘हमें (भाजपा को) उनसे कोई निजी दुश्मनी या वैमनस्य नहीं है।’’ पत्र में उन्होंने आगे लिखा ‘‘बहरहाल, वह जिन आरोपों का सामना कर रहे हैं उन्हें देखते हुए हमारी राय है कि उन्हें महायुति में शामिल करना उचित नहीं होगा।’’

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पवार को लिखे पत्र में यह भी कहा कि मलिक स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जमानत मिलने की वजह से जेल से बाहर आए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा ‘‘हम मानते हैं कि आपकी पार्टी में किसे शामिल करना चाहिए, यह तय करने का अधिकार आपको है। लेकिन (महायुति के) हर घटक को सोचना होगा कि क्या इससे गठबंधन को नुकसान होगा। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं।

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