“सोनभद्र/सिंगरौली। मशीनों की सुरक्षा व रखरखाव नियमावलियों का अक्षरशः अनुपालन इससे जुड़े हुए हर एक एनसीएल कर्मी का पवित्र कर्तव्य है । बेंचिंग में गुणात्मक सुधार के साथ अभिभार उत्पादन पर ज़ोर देकर सतत खनन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है । उत्पादन, उत्पादकता एवं इससे जुड़ी तैयारियों की निरंतर निगरानी देश की ऊर्जा ज़रूरत के अनुरूप दिए गए लक्ष्य साधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है” ।
उक्त वक्तव्य बुधवार को सीएमडी एनसीएल भोला सिंह ने अमलोरी क्षेत्र में 12 क्यूबिक मीटर क्षमता की एक विशाल हाइड्रोलिक शॉवेल पीसी 2000 को खदान में नियोजित करने के दौरान दिया । इस दौरान श्री सिंह ने खदान की उत्पादन व परिचालन दक्षता को बेहतर करने के मंत्र दिये और युवा कर्मियों से कम्पनी को नव उत्कर्ष पर ले जाने हेतु अहम भूमिका निभाने का आह्वान किया । उन्होंने नवागत शॉवेल का निरीक्षण किया और इसकी तकनीकी विशेषताओं व क्षमताओं के बारे में निर्माता कंपनी के प्रतिनिधियों से विस्तार में चर्चा की ।
इस अवसर पर निदेशक (तकनीकी/ संचालन), एनसीएल डॉ अनिंद्य सिन्हा भी उपस्थित रहे । साथ ही महाप्रबंधक(अमलोरी) एवं महाप्रबंधक(उत्खनन) सहित एनसीएल के विभागाध्यक्ष,मशीन निर्माता कम्पनी के प्रतिनिधि एवं क्षेत्रीय श्रमिक संघ के प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे ।
सुसज्जित एवं आधुनिक तकनीकी से युक्त इस शॉवेल का इंजन 960 एचपी का है तो वहीं ये एक बार में 12 क्यूबिक मीटर अधिभार/ कोयला उठा सकेगी। शोवेल में 360 डिग्री कैमरा, रियर विज़न कैमरा, फटीग मॉनिटरिंग सिस्टम तथा आधुनिक एएफ़डीएसएस प्रणाली भी मौजूद हैं । गौरतलब है कि एनसीएल के मशीनी बेड़े में 1100 से अधिक भारी मशीने तैनात हैं ।