उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज एस0जी0पी0जी0आई0 अपना 41वां स्थापना दिवस समारोह मना रहा है। संस्थान ने 40 वर्षों की यात्रा पूर्ण की है। इस दृष्टि से अगले 09 वर्ष संस्थान के लिए बहुत अहम है। उस समय संस्थान का स्वर्ण जयन्ती वर्ष होगा। एस0जी0पी0जी0आई0 देश की सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश के साथ ही, उत्तर भारत में स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा के मानक तय कर रहा है।
मुख्यमंत्री आज यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एस0जी0पी0जी0आई0) के 41वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने गीतम इन्स्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज एण्ड रिसर्च, विशाखापट्टनम, आन्ध्र प्रदेश की प्रो वाइस चांसलर डाॅ0 गीतांजलि पद्मनाभन को सम्मानित किया। उन्होंने एस0जी0पी0जी0आई0 के फैकेल्टी मेम्बर्स, रेजिडेन्ट्स तथा पैरामेडिकल स्टाफ को वार्षिक अनुसंधान पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने संस्थान की काॅफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीत की तैयारी इतनी शालीनता से की जानी चाहिए कि आपकी सफलता शोर मचा दे। एस0जी0पी0जी0आई0 ने विगत 05 से 07 वर्षों में समय की परवाह करते हुए अपनी गति बढ़ाई है। संस्थान ने एक विजन के साथ वर्तमान की प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने के लिए टीमवर्क से कार्य किया है। इस दृष्टि से अगले 09 वर्ष एस0जी0पी0जी0आई0 के लिए महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो भी नया हो रहा है, उसे अपनाने के लिए हमें अपने आपको तैयार करना होगा और मजबूती से जुटना होगा। एस0जी0पी0जी0आई0 में नए-नए विभाग खोले जा रहे हैं। एस0जी0पी0जी0आई0 देश का सम्भवतः पहला चिकित्सा संस्थान है, जिसे सी0एस0आर0 पहल के तहत लगभग 500 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। यह संस्थान की एक बड़ी उपलब्धि है। इसका श्रेय संस्थान के निदेशक, फैकेल्टी मेम्बर्स, कार्मिकों तथा छात्र-छात्राओं को जाता है। एस0जी0पी0जी0आई0 ने स्वास्थ्य के साथ तकनीक को बेहतर तरीके से जोड़ा है। भारत सरकार ने टेलीकंसल्टेशन तथा टेलीमेडिसिन के एक माॅडल सेन्टर के रूप में एस0जी0पी0जी0आई0 को स्थापित करने की दिशा में कार्य प्रारम्भ किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान सरकार द्वारा एस0जी0पी0जी0आई0 के निदेशक के नेतृत्व में एक एडवाइजरी टीम का गठन किया गया था। उस समय प्रदेश के 36 जनपदों में आई0सी0यू0 का एक भी बेड नहीं था। तत्कालीन निदेशक ने प्रदेश में टेली आई0सी0यू0 प्रारम्भ करने का सुझाव दिया, जिसके लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किए गए। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में वर्चुअल आई0सी0यू0 प्रारम्भ किए गए, जिससे हजारों लोगों की जान बचाने मंे मदद मिली। यह एक शुरूआत थी। आज भारत सरकार इसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही है। इसके तहत पहले चरण में प्रदेश के 06 मेडिकल काॅलेजों को जोड़ा गया है। अन्य मेडिकल काॅलेज को भी इससे जोड़ने की तैयारी की जा रही है।