चन्दौली । जिला परियोजना अधिकारी नमामि गंगे दर्शन निषाद ने पत्र के माध्यम से बताया कि जनपद चंदौली के गंगा नदी में सीधे जा रहे गंदा नाला, और रेलवे सीवर के नाला का पानी, से गंगा नदी का जल प्रदुषित हो रहा है। जिससे अब जल्द ही निजात मिलेगा, गंदे नाले का डिस्चार्ज 9.1 एम.एल.डी. रेलवे नाला का डिस्चार्ज 22.82 एम.एल.डी. दोनों नालों से बायोरेमेडीएशन होने के उपरांत गंगा में बह रहा है। लेकिन फिर भी गंगा के स्थानीय नागरिकों के जीवन शैली के साथ स्वच्छता और जैव विविधता दोनों पर असर पड़ रहा है।, नमामि गंगे द्वारा समय-समय पर जागरूकता भी किया जाता है, खुले में शौच न करे,गंगा में कोई भी सालिड वेस्ट ना डाले, मृत जीव गंगा में प्रवाहित ना करें, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर (नगर पालिका परिषद) एवं गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई भगवानपुर वाराणसी द्वारा 45 एमएलडी का कार्य योजना तैयार हो गया है।
ओपन टेक्नोलॉजी पर आधारित दो हेक्टेयर में गंगा ग्राम रौना में 328.10 करोड़ की लागत से प्रोजेक्ट तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। जल्द ही राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन नई दिल्ली जल शक्ति मंत्रालय द्वारा स्वीकृति मिलने पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य प्रारंभ किया जाएगा जो इन दोनों नालो का गंदा पानी गंगा में जा रहा है यह अब सीवर का पानी एसटीपी में शुद्ध किया जाएगा। जैसा कि नगर पालिका के संबंधित अधिकारियों के माध्यम से अवगत कराया जाता है की इन दोनों नालों का टैपिंग करते हुए, बायोरेमेडीएशन, लोहे की स्क्रीनिंग जाली लगाकर एवं अन्य विधि से ट्रीटमेंट का कार्य कराया जाता है, जो कि यह अस्थाई निराकरण है, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने से हमारा जनपद गंगा प्रदूषण मुक्त होगा और गंगा में जैव विविधता की संख्या बढ़ेगी।