संत कबीर अकादमी सम्मान पुरस्कार अब 03 महानुभावों को दिया जायेगा – जयवीर सिंह

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संतो एवं महापुरूषों के योगदान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए वाराणसी से गोरखपुर तक त्रिधारा कबीर यात्रा शुरू की जायेगी

पर्यटन मंत्री ने संत कबीर अकादमी के कार्यकारिणी परिषद की बैठक की अध्यक्षता की

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने संत कबीरदास, संत शिरोमणि रविदास तथा गुरू गोरखनाथ के कृतित्व एवं व्यक्तित्व को आम जनता तक पहुंचाने के लिए त्रिधारा संत कबीर यात्रा आयोजित करने के निर्देश दिये। यह यात्रा वाराणसी से शुरू कराकर मगहर होते हुए गोरखपुर तक निकाली जाए। इसके अलावा संत कबीर अकादमी सम्मान पुरस्कार की संख्या एक से बढ़ाकर तीन की जाए। उन्होंने संत कबीर के सांस्कृतिक, साहित्यिक, शैक्षणिक एवं अध्यात्मिक योगदान के लिए संत कबीर शोध पीठ की स्थापना करने को कहा।

पर्यटन मंत्री आज यहां पर्यटन भवन के सभागार में संत कबीर अकादमी की कार्यकारिणी परिषद की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कबीर, रविदास तथा गोरखनाथ एवं अन्य संतों का समाज की एकता एवं संस्कृति की रक्षा करने में महत्वपूर्ण योगदान है। उनके कार्यों पर विश्वविद्यालयों मंे शोध किये जाने के संबंध में कार्ययोजना तैयार करायी जाए। इसके अलावा नव निर्मित स्मारक में कबीर दास से जुड़े लेखकों की रचनायें तथा स्वयंसेवी संस्थाओं से पुस्तकें दान के स्वरूप मंे प्राप्त की जाए ताकि भावी पीढ़ी संत कबीरदास के योगदान से प्रेरणा ले सके।

श्री सिंह ने कहा कि जनपद बस्ती से बड़ी संख्या में संत कबीर के अनुयायी मॉरिसस में भी निवास करते हैं, इसके अलावा वाराणसी, मगहर, गोरखपुर आदि जनपदों में इनकी बड़ी संख्या है। इनके अनुयायी गांवों में कबीर भजन गाकर उनके जीवन प्रसंग से जुड़े कार्यों का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि संत कबीर पर शोध पत्र जर्नल एवं मैगजीन आदि निकाली जा सकती है। कुछ चिन्हित छात्रों को फेलोशिप देने पर विचार किया जा सकता है। 

पर्यटन मंत्री ने कहा कि संत कबीर के जीवन दर्शन एवं इतिहास एवं प्रचलित प्रसंगों पर शोध कार्य होना चाहिए। इसके साथ ही संत कबीर पर यूपी में जहां भी कार्यक्रम आयोजित किये जाए वहां उनके दर्शन से जुड़े अनुयायियों को आमंत्रित किया जाए। इसके अतिरिक्त उनकी जन्मस्थली एवं मगहर में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में सांस्कृतिक, साहित्यिक, शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि युवा पीढ़ी महान संत एवं समाज सुधारक के बारे में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त कर सके। उन्होंने मगहर महोत्सव का नाम बदलकर संत कबीर महोत्सव मगहर रखने के निर्देश दिये। 

इस अवसर पर उन्होंने संत कबीर अकादमी की वेबसाइट को लांच किया तथा कबीर के जीवन एवं प्रसंगों पर आधारित पुस्तक कबीर गं्रथावली का विमोचन किया। इसके अलावा कबीर अकादमी में नामित तीन सदस्यों के निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, विशेष सचिव ईशा प्रिया व वीरेन्द्र सिंह, पर्यटन सलाहकार जे0पी0 सिंह, निदेशक लोक एवं जनजाति कला अतुल द्विवेदी तथा बड़ी संख्या मंे अन्य लोग मौजूद थे।

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