रेलवे के उदासीनता के चलते ग्रामीणों को हो रही कठिनाईयों को लेकर भाकियू ने उपजिलाधिकारी को दिया रेल रोको आंदोलन का अल्टीमेटम

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चन्दौली-/सकलडीहा मार्ग पर कुचमन और सकलडीहा रेलवे  स्टेशन के बीच भोजापुर रेलवे फाटक  पर  रेलवे की उदासीनता के चलते लगभग ढाई महीने से रेलवे लाइन मरम्मत के नाम पर, क्षेत्र की जनता को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। भोजापुर फाटक से लोग धानापुर,कमालपुर, सैदपुर के साथ-साथ गाजीपुर और बिहार तक आते- जाते है। इस फाटक से क्रमशः तीन ब्लाक सकलडीहा, चहनियां और धानापुर के लोग मुख्यालय चन्दौली,न्यायालय और चिकित्सा उपचार आदि आदि के लिए सैकड़ो गांवों के हजारों लोग इस फाटक से आवागमन करते है। इस फाटक से दो पहिया और चार पहिया वाहन बड़ी मुश्किल से निकल पाते है,कई बार दुपहिया वाहन के लोग गिर जाते है, उनके साथ पीछे बैठी महिलाएं,बच्चे,बुजुर्ग और मरीज गिर जाते है,जिससे  चोटे भी लग जाती है।

गाड़िया बमुश्किल निकल पाती है, अक्सर गाड़ियों को फाटक के बीच धक्का देना पड़ता है,क्योंकि रेलवे लाईन जरूरत से ज्यादा ऊपर हो गयी है,और निकलने वाला रास्ता नीचे ( लगभग 6 इन्च) हो गया है। कभी-कभी उस रेलसे ट्रैक पर टेम्पू या लारी फंस जाने से, रेल को रोकना पड़ता है। लोगों जान जोखिम में पड़ जाती है,ऐसा हादसा कल होते-होते बचा। उस फाटक से बमुश्किल गाड़िया आ-जा पा रही है। लोग पीड़ित है। क्षेत्र  के लोगों की समस्या को देखते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)  ने उपजिलाधिकारी मनोज कुमार पाठक को एक आगाह पत्र दिया,जिसमे मांग की गई कि अगर 7 दिनों के भीतर मानक के अनुरूप ट्रैक नहीं बना तो भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के तमाम कार्यकर्ता और क्षेत्रीय किसान ,तब तक रेल रोकेंगे,जब तक ट्रैक मानक के अनुरूप नहीं बन जाता। मंडल अध्यक्ष जितेंद्र प्रताप तिवारी ने कहा कि रेल प्रशासन के साथ-साथ जिला प्रशासन भी क्षेत्र की परेशानी से  उदासीन है । मंडल प्रवक्ता मणि देव चतुर्वेदो ने कहा कि रेल प्रशासन कुम्भकर्ण की नींद सो रहा है,उसे रेल रोककर जगाना पड़ेगा। पत्रक देते समय मंडल उपाध्यक्ष प्रेम नारायण मौर्या, मंडल महासचिव, विभूति नारायण तिवारी,जिला अध्यक्ष सतीश सिंह चौहान,जिला युवाअध्यक्ष रंकज सिंह,तहसील अध्य्क्ष,चंदौली गोपाल सिंह, तहसील अध्यक्ष सकलडीहा रामावतार सिंह, ब्लाक अध्यक्ष सकलडीहा मनोज यादव,ब्लाक अध्यक्ष धानापुर जीउत मैर्या,ब्लाक अध्यक्ष चहनियां,रामदरस यादव और पचासों किसान उपस्थित थे।

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