चन्दौली । सहरोई गांव मे चल रहे नव दिवसीय कथा के अंतिम दिन की कथा में लंका दहन, राम- रावण युद्ध, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक के प्रसंग का वर्णन किया। कथा व्यास मानस मयूरी शालिनी त्रिपाठी ने बताया कि रामायण हमें जीने का तरीका सिखाती है. रामायण हमें आदर्श, सेवा भाव, त्याग व बलिदान के साथ दूसरों की संपत्ति पर हमारा कोई अधिकार नहीं है, की सीख देती है। इस प्रकार भगवान श्रीराम ने दीन-दुखियों, वनवासियों के कष्ट दूर करते हुए उन्हें संगठित करने का कार्य किया एवं उस संगठन शक्ति के द्वारा ही समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर किया। इसलिए हर राम भक्त का दायित्व है कि पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें, कथा वाचक द्वारा भगवान श्री राम के राज्याभिषेक का वर्णन व राम दरबार की आकर्षक झांकी प्रस्तुति पर पूरा कथा पंडाल राजा रामचंद्र की जय के जयकारों से गूंज उठा। मानस मयूरी ने कहा की बुराई और असत्य ज्यादा समय तक नहीं चलता है। अंततः अधर्म पर धर्म की जीत होती है भगवान श्रीराम ने सत्य को स्थापित करने के लिए रावण का वध किया श्री राम कथा के माध्यम से व्यक्ति को अपनी बुरी आदतों को बदलने का प्रयास करना चाहिए राम कथा भक्त को भगवान से जोड़ने की कथा है।
भगवान की कथा हमें बताती है कि संकट में भी सत्य से विमुख न हो व अपने वचन का पालन करें माता-पिता की सेवा, गुरु जन का सम्मान, गौ माता का वास तथा ईश्वर का स्मरण जिस घर परिवार में होता है वह स्वर्ग के समान है। कथा के दौरान रामायण पूजन व आरती के बाद भक्तजनों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया। कथा मे भारी संख्या मे श्रोता शामिल रहे। इस दौरान मानस मयंक सिंह,बंशीधर त्रिपाठी,अभिषेक मिश्रा,संजय मिश्रा,हरगेन मिश्रा, संजय सिंह,भारत भूषण,रामनिवास मिश्रा,अमित मिश्रा, प्रदीप मिश्रा,रंजीत यादव,गुड्डू यादव आदि शामिल रहे।