*मानव अधिकार एवं सामाजिक न्याय’ पर राष्ट्रीय सम्मेलन: विश्व मानवाधिकार दिवस*
वाराणसी । विश्व मानवाधिकार दिवस के विश्वव्यापी पालन के हिस्से के रूप में फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स (पीएफएचआर), गांधीनगर, गुजरात मंगलवार को होटल द रमाडा कटेसर रामनगर रोड में ‘मानव अधिकार एवं सामाजिक न्याय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें देश की जानी-मानी हस्तियां और 27 राज्यों के प्रतिनिधि भाग लिए। यह राष्ट्रीय सम्मेलन प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स द्वारा पिछले 18 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है।
मंगलवार को दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक प्रतिज्ञाओं में से एक: मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 76वीं वर्षगांठ है। यह ऐतिहासिक दस्तावेज़ उन अविभाज्य अधिकारों को सुनिश्चित करता है जो हर किसी को एक इंसान के रूप में प्राप्त हैं चाहे वह किसी भी जाति, रंग, धर्म, लिंग, भाषा, राजनीतिक या अन्य राय, राष्ट्रीय या सामाजिक मूल संपत्ति, जन्म या अन्य स्थिति का हो। यह घोषणा 10 दिसंबर 1948 को पेरिस में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित की गई थी।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता दयाशंकर मिश्र दयालु (आयुष मंत्री स्वतंत्र प्रभार , उत्तर प्रदेश सरकार), राजू परमार (पूर्व सांसद राज्यसभा, गुजरात), नरेश रावल (पूर्व गृह मंत्री, गुजरात सरकार), मुकेश पांडे (फिल्म निर्माता), रोहित पांडे (पूर्व सचिव सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन), डॉ रति शंकर त्रिपाठी, (अध्यक्ष भारतेंदु नाट्य अकादमी, उत्तर प्रदेश) रहे। विश्व भूषण मिश्र (काशी विश्वनाथ मंदिर, काशी के सीईओ), बंसीधर उपाध्याय (प्रसिद्ध समाज सुधारक, वाराणसी), ए.जय उपाध्याय (भाजपा), राकेश कुमार पांडे (वकील, सेंट्रल बार एसोसिएशन, वाराणसी के पूर्व अध्यक्ष, ब्रिजेश कुमार मिश्र, होम गार्ड्स के जिला कमांडेंट और अन्य लोग भाग लिये। लोगो ने कहा कि कार्यक्रम का वाराणसी में होने से और भी महत्व बढ़ जाता हैं कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है।
इसके अलावा, वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है पवित्र शहर है, जो दुनिया के सबसे पुराने जीवित शहरों में से एक है। इतिहास से भी पुराना, परंपरा से भी पुराना, किंवदंतियों से भी पुराना और इन सभी को मिलाकर भी यह दोगुना पुराना लगता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोग्रेसिव फाउंडेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स के अध्यक्ष और अभिनेता राकेश पांडे ने किया। कार्यक्रम का संचालन भारत गौरव डॉ. अनीता सहगल वसुंधरा (राष्ट्रीय एंकर और प्रसिद्ध लेखिका) करेंगी। पीएफएचआर नीति आयोग और कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के साथ पंजीकृत है और इसने 2006 में अपनी स्थापना के बाद से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बड़े पैमाने पर समाज संबंधित सभी अवसरों पर कई सेमिनार, सम्मेलन और सम्मेलन आयोजित किए हैं।