हिंडालको महान की पहल पर विश्व मधुमक्खी दिवस कार्यक्रम आयोजित, मधुमक्खी पालन को मिला नया प्रोत्साहन

सुर्यमुखी की लहलहाती खेती बना लोगो का आकर्षण 

, सिंगरौली। विश्व मधुमक्खी दिवस के अवसर पर हिंडालको महान द्वारा मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहन देने हेतु एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला प्रशासन के कलेक्टर व जिला सीइओ को शामिल होना था, किन्हीं आवश्यक कारणों से वे उपस्थित नहीं हो सके।

कार्यक्रम में आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक मंगलेश्वर सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में सहभागिता की। उन्होंने मधुमक्खी पालन को ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि यह न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि पर्यावरण संतुलन के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “मधुमक्खियाँ प्रकृति की मौन कर्मठ सेवक हैं, जिनके बिना परागण की प्रक्रिया और कृषि उत्पादन दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।” साथ ही हिंडालको महान द्वारा प्रोसेसिंग यूनिट व सुर्यमुखी खेती में सहयोग की तारीफ की।

हिंडालको महान के सीएसआर प्रमुख संजय सिंह और बीरेंद्र पांडेय ने कार्यक्रम में विशेष रूप से शिरकत की। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा संचालित ‘जीवनोत्कर्ष’ परियोजना के तहत कई गांवों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण, उपकरण व बॉक्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

इस अवसर पर आजीविका ग्राम संगठन ‘पोखरा समूह’ की महिला सदस्यों को मधुमक्खियों की जैव विविधता में भूमिका और उनके संरक्षण के महत्व पर विस्तार से जानकारी दी गई।

कार्यक्रम की एक विशेष झलक सुर्यमुखी की लहलहाती फसलों के माध्यम से दिखाई दी, जो हिंडालको महान के CSR के सहयोग से स्थानीय किसानों द्वारा उगाई गई है। यह पहल न केवल मधुमक्खियों के लिए श्रेष्ठ नेक्टर स्रोत है, बल्कि सुर्यमुखी बीजों से किसानों को खाद्य तेल निकालने का नया अवसर भी प्रदान करेगी । जिले में यह नवाचार किसानों के लिए एक वैकल्पिक कृषि उद्यम के रूप में उभर रहा है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 20 मई का यह दिवस दुनिया को मधुमक्खियों के महत्व, उनके संरक्षण की आवश्यकता और उनके बिना हमारी खाद्य श्रृंखला पर आने वाले संकट की ओर ध्यान आकर्षित करता है।

हिंडालको महान की यह पहल न केवल सतत कृषि और पर्यावरण संतुलन की दिशा में एक सशक्त कदम है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक प्रेरणादायी प्रयास है। कार्यक्रम में आजीविका मिशन से बी.एन. सिंग व विभिन्न स्वयं सहायता समूह की महिलाएं शामिल हुई ।

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