वाराणसी:- बीएचयू में हुई फीस वृद्धि के खिलाफ एनएसयूआई बीएचयू ने विश्वनाथ मंदिर (वीटी) परिसर हस्ताक्षर अभियान चला कर अपना विरोध दर्ज कराया जिसमें छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। हस्ताक्षर अभियान के दौरान अपनी बात रखते हुए छात्र चंदन मेहता ने कहा कि बीएचयू में भी शिक्षा के बाजारीकरण की कोशिश शुरू हो गई है, इस विश्वविद्यालय को महामना ने एक सपने के साथ बनाया था कि ग्रामीण परिवेश का एक गरीब आदिवासी बच्चा भी शिक्षा का लाभ उठा पाए, शिक्षा इतनी सस्ती हो कि कोई इससे वंचित न रहने पाए।कपीश्वर मिश्र ने कहा कि सभी पाठ्यक्रमों की फीस 100% से लेकर 500% तक बढ़ा दी गई है। एमए की फीस जो पहले 2300 सालाना लगती थी उसे बढ़ा कर 4800 प्रति वर्ष कर दिया गया, एमएससी एग्रीकल्चर की फीस 3500 प्रति वर्ष से बढ़ाकर 18500 प्रति वर्ष कर दी गई और इसी तरह की वृद्धि सभी कोर्सेज में हुई है। हॉस्टल फीस जो पहले 3200 प्रति वर्ष थी उसको बढ़ाकर 9500 प्रति वर्ष कर दिया गया।
विकास सिंह ने कहा कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में।अनूठा विश्वविद्यालय है। इसे किसी सरकार ने नहीं बनवाया बल्कि यह दान के पैसे बना है। इस प्रतिबद्धता के साथ कि यह सस्ती सर्वसुलभ उच्च शिक्षा समाज के वंचित तबके को उपलब्ध कराए, आजादी के बाद से लेकर अब तक यह विश्वविद्यालय अपने स्थापना के मूल्यों आदर्शो के अनुरूप इस दिशा में उल्लेखनीय काम किया है। वर्तमान समय में हुई यह फीस वृद्धि इस विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय जी के सपनों आदर्शों पर कुल्हाड़ी चलाने जैसा है। मारुति मानव ने कहा कि, सर्वसुलभ सस्ती शिक्षा के बगैर एक स्वच्छ लोकतांत्रिक देश व स्वस्थ नागरिक समाज की कल्पना की ही नहीं जा सकती है, जिसका सपना देश की आजादी के नायकों एवं संविधान निर्माताओं ने देखा था ।
इस दौरान शिक्षा विरोधी नरेंद्र मोदी फीस वृद्धि वापस लो के नारे लगते रहे। इस दौरान राजीव नयन, संजीत, रैनी, दिलराज, राजा मेहता, सुरुचि कुमारी, आदर्श गुप्ता, साहिल कुमार, विशाल गुप्ता, कृपाशंकर, जयवीर, शुभम शाह, वंदना, शंभू कन्नौजिया, अक्षय, विकास, नीलू , बीना, प्रशांत, अभिनव पांडे, विशाल यादव, शांतनु, नीरज, मुरारी, अभिनव आदि मौजूद रहे।