सोनभद्र/ भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी, नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) कोयले के क्षेत्र में राष्ट्र की आत्मनिर्भरता में अहम भूमिका निभाने के साथ हरित खनन, सतत एवं दीर्घकालिक विकास, पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय समाज के समग्र विकास तथा सिंगरौली परिक्षेत्र में इको-टूरिज्म सर्किट को विकसित करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है | कंपनी एनसीएल-आईआईटी बीएचयू इंक्यूबेशन सेंटर की मदद से सिंगरौली परिक्षेत्र की समृद्ध प्रकृतिक विरासत व जनजातीय संस्कृति से देश भर के पर्यटकों को जोड़ने के उद्देश्य से खदान पर्यटन, इको-पर्यटन व ग्रामीण पर्यटन के नए अवसर पैदा कर रही है | अपनी मुहिम के बेहतर क्रियान्वयन के लिए एनसीएल ने मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए हैं । “सिंगरौली एक्स्प्लोरेशन” कार्यक्रम के तहत एनसीएल- आईआईटी बीएचयू इंक्यूबेशन सेंटर की टीम ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 23 मार्च,2022 को ‘शहीद दिवस’ के अवसर पर सिंगरौली के प्रमुख इको-पर्यटन व ग्रामीण पर्यटन केन्द्रों के भ्रमण का तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत की |
इन तीन दिनों में टीम के सदस्यों ने सोन-घड़ियाल अभयारण्य, बगदरा अभयारण्य, संजय टाइगर रिजर्व, खदान भ्रमण, और ग्राम प्रवास के कुछ स्थलों का भ्रमण किया | यह टीम भ्रमण के दौरान पर्यटन स्थानों की यथा स्थिति के आधार पर वहाँ पर पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाने और अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने की कार्ययोजना पर कार्य कर रही है | इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पूरी टीम सिंगरौली के आस पास के कुछ ग्रामीण पर्यटन केन्द्रों पर रुकी और यहाँ की समृद्ध जनजातीय संस्कृति, खान पान, नृत्य, लोक गायन इत्यादि से रूबरू हुई | यह केंद्र मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा तैयार किए गए हैं और इनकी देखरेख स्थानीय लोगों द्वारा की जाती है | टीम ने यहाँ पर स्थानीय लोगों से उनकी समस्याओं व अपेक्षाओं के बारे में भी जाना जिससे उनके लिए बेहतर ढंग से कार्य किया जा सके |
एनसीएल की सतत विकास सेल के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण के संरक्षण और बहाली के प्रति जागरूक करना, इको-पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाकर ग्रामीण अर्थतन्त्र को मजबूत करना है | गौरतलब है कि एनसीएल अपने परिक्षेत्र में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड के सहयोग से इको-माइन टूरिज्म और इको-पार्क के विकास पर लगातार कार्य कर रही है जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और व्यापार के व्यापक अवसर पैदा होंगे। कंपनी की इस पहल से मध्यप्रदेश राज्य में खनन, वन्य जीवन, सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण एक नए पर्यटन सर्किट का विकास हो रहा है