साहित्य सृजन संस्थान का कवि सम्मेलन सम्पन्न

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रायपुर/ साहित्य सृजन संस्थान रायपुर द्वारा अपने स्थापना दिवस पर वरिष्ठ कवि सम्मेलन का आयोजन आज रविवार 18,अगस्त,2024 को  श्री राम जानकी मंदिर,टाटीबंध (एम पी ढाबा के पीछे ) सभागार में संपन्न हुआ।जिसमें मुख्य अतिथि डॉ संजय अलंग,पूर्व संभागायुक्त रायपुर एवं आमंत्रित कवि संतोष झंझी भिलाई,सूरज राय सूरज, जबलपुर, जीवन यदु राही,खैरागढ़, पदम् लोचन शर्मा मुंहफट संचालक ,राजनांदगांव, डॉ.मयंक शर्मा, दुर्ग,रंजना गौतम, चंदिया (उमरिया ),संतोषी श्रद्धा महंत, कोरबा, सफ़दर अली सफदर,रायपुर द्वारा काव्य पाठ किया गया।

नमन ऐ जिन्दगी तुझको और तेरे हर पड़ाव को
जीभर के जी लिया तेरे हर उतार को चढाव को..
सन्तोष झाँझी
जेबों में पत्थर रखने का हम पर है इल्ज़ाम,
शीशे की बस्ती में हम तो होगें ही बदनाम।
         जीवन यदु राही
 मैं वो नदिया हूँ जो पहुँची है उमंगें लेकर
ये समंदर मेरे उत्साह को फ़ीक़ा न
करे
          रंजना गौतम
आज मुझको याद फिर आने लगा कोई
लग रहा है आज मेरी जान जाएगी
           संतोषी श्रद्धा महंत
मुर्गे की बांग से सूरज नही निकलता है
शकुनी चाल से चेहरा नही बदलता है
गिरगिट की तरह से रंग बदलने वालों
स्वान की भौंक से क्या शेर कभी डरता है।
      पदम लोचन शर्मा मुंहफट
सांझ का मैं जला के दिया,आस देहरी पे दी है रखी।
लौट आएंगे शायद कभी, छोड़ के जो गए हैं सखी।
पंखुरी मिश्रा
राम नामावली
रा घवेंद्र हे श्री राम, कौशलेंद्र प्रभु राम,
रक्षक त्रिलोक धन्वी,
आपको प्रणाम है।

       सुषमा पटेल

है बड़ा मर्तबा अपने मां बाप का,भूल से भी नही दिल दुखाया करो।

उनका साया है तुम पर बड़ा कीमती दिल से अपने उन्हे तुम लगाया करो।
     फिरोजा खान
 नहीं है चाह ये मेरी जहाँ में नाम हो मेरा,
चमन मे खुशबुएँ फैले कुछ ऐसा काम हो मेरा।
हताशा और निराशा से कभी न लड़खड़ाऊँ मैं,
वफ़ा देकर वफ़ा पाऊँ यही ईनाम हो मेरा।

ममता खरे ‘मधु’
भवानी उठा त्रिशूल, करे दुष्ट अब न भूल |
दुशासन करे न राज, मिले प्राण दंड आज ||
अभी शक्ति बन दहाड़, सदा पाप को लताड़ |
दुराचार है अपार, है अपराध की कतार ||
करो पाप नाश आज, रहे सृष्टि में सुराज |
ससम्मान ईह लोक, रहे गर्व हो न शोक ||

रसीदा ‘राशि’ मार्कण्डेय

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