संयुक्त सचिव कोयला व निदेशक (सीपीडी) कोल मंत्रालय एसईसीएल मेगा परियोजना के दौरे पर

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रायपुर,छत्तीसगढ़। वर्ष 2024-25 में कोल इण्डिया लिमिटेड द्वारा १ बिलियन टन उत्पादन लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें एक चौथाई से अधिक की हिस्सेदारी एसईसीएल की होगी। कम्पनी की मेगा परियोजनाएँ – गेवरा दीपका व कुसमुंडा देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हैं क्यूँकि यहाँ से १०० मिलियन टन से अधिक कोयला बिजली घरों और उद्योगों तक जाता है। एक अनुमान के अनुसार अकेले गेवरा कोलफ़ील्ड्स मे इतना कोयला रिज़र्व है कि देश के १० सालों के बिजली की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है। उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में, रणनीतिक कार्यान्वयन को बल देते हुए आज कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव विस्मिता तेज तथा निदेशक (सीपीडी) मुकेश चौधरी आज कोरबा कोलफ़ील्ड्स अंतर्गत एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं के दौरे पर पहुँचे।

उन्होंने सर्वप्रथम गेवरा हाउस में उन्होंने गेवरा प्रोजेक्ट की कोर टीम से मुलाक़ात की व संचालन गतिविधियों से अवगत हुए। दोपहर में वे, दीपका खदान के विज़िट पर गई जहाँ उन्होंने ओबी निष्कासन का मुआयना किया। उन्होंने कोल डिस्पैच तथा सुआभोंडी पैच का भी अवलोकन किया। देर शाम उन्होंने क़ुसमुंडा परियोजना की टीम से मुलाक़ात की।विदित हो कि मुकेश चौधरी का चयन कोल इंडिया के निदेशक (मार्केटिंग) के रूप में हो चुका है तथा उनके जल्द हीं प्रभार सम्हाल लेने की उम्मीद की जा रही है। एसईसीएल वार्षिक आधार पर गत वर्ष की तुलना में उत्पादन व डिस्पैच में लगभग २० प्रतिशत की वृद्धि में है।

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