चेस ओलिंपियाड में भारत को डबल ब्रॉन्ज

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विमेंस ने पहली और मेंस ने दूसरी बार जीते,उज्बेकिस्तान ने गोल्ड जीता

शतरंज का ओलिंपिक कहे जाने वाले चेस ओलिंपियाड में भारतीय खिलाड़ियों ने डबल ब्रॉन्ज जीते हैं। मंगलवार को विमेंस और मेंस टीमें तीसरे स्थान पर रहीं। भारत को आठ साल बाद इस टूर्नामेंट में मेडल मिला है। 2018 के सीजन में भारतीय खिलाड़ी जॉर्जिया से खाली हाथ लौटे थे। चेन्नई में आयोजित चेस के महाकुंभ में भारत-बी टीम ने ओपन वर्ग में ब्रॉन्ज जीता, जबकि विमेंस कैटेगरी में भारत-ए टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया। भारत-बी ने जर्मनी को 3-1 से हराते हुए तीसरा स्थान पक्का कर लिया। इंडिया-ए 11वें राउंड में हार गई। भारत ने 2014 में मेंस कैटेगरी का मेडल जीता था। 98 साल के चेस ओलिंपियाड के इतिहास में भारत ने पहली बार इन गेम्स की मेजबानी की है। यहां उज्बेकिस्तान ने सभी को हैरान करते हुए गोल्ड जीता। उसने नीदरलैंड को 2-1 से हराया। आर्मेनिया की टीम ओपन वर्ग के दूसरे नंबर पर रही। उसने अपने अंतिम दौर के मुकाबले में स्पेन को 2.5-1.5 से हराया। उज्बेकिस्तान की टीम 11वें राउंड में अजेय रही और उसने 19 मैच अंक हासिल किए। भारत बी टीम 18 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रही।

FIDE कांग्रेस में 2026 ओलंपियाड की मेजबानी उज्बेकिस्तान को ही दी है। टॉप सीड इंडिया ए को विमेंस कैटेगरी के 11वें राउंड में अमेरिका के खिलाफ पराजय झेलनी पड़ी। इस कारण उसका गोल्ड छिटक गया और भारतीय टीम तीसरे स्थान पर रही। इस मुकाबले में कोनरू हंपी और आर वैशाली ने ड्रॉ खेले। तानिया-भक्ति की हार से गोल्ड की उम्मीदों को झटका लगा, युवा भारतीय-बी टीम ने जर्मनी को 3-1 से हराकर देश को दूसरा कांस्य पदक दिलाया। इंडिया-बी में डी. गुकेश शुरुआत से आगे थे। उन्होंने 9/11 का शानदार स्कोर बनाया। निहाल सरीन ने 7.5/10 का बढ़िया स्कोर किया। प्रज्ञानंदा ने 6.5/9 के साथ अच्छा स्कोर किया और रौनक साधवानी ने भी 5.5/8 का मूल्यवान स्कोर किया

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