ग्राम सचिवालय के सुदृढ़ीकरण व इसके माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं के सम्बन्ध में
लखनऊ: मंत्रिपरिषद ने ग्राम सचिवालय के सुदृढ़ीकरण एवं इसके माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। इसके अन्तर्गत सेन्टर फार ई-गवर्नेंस, सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा चयनित जिला सेवा प्रदाता (DSP) के माध्यम से ग्राम पंचायतों में कार्यरत पंचायत सहायक, जन सेवा केन्द्र संचालक के रूप में अधिकृत होंगे। साथ ही, जन सेवा केन्द्र/ई-डिस्ट्रिक्स पोर्टल के माध्यम से दी जाने वाली समस्त सेवाएं (14 उन सेवाओं को सम्मिलित करते हुए जो वर्तमान में ई-डिस्ट्रिक्स पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है, परन्तु कालान्तर में आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।) इस व्यवस्था में नियत यूजर चार्जेस लेकर सेवाएं दी जाएंगी। जन सेवा केन्द्र संचालक को प्राप्त होने वाला यूजर चार्जेस ग्राम पंचायत के खाते (ग्राम निधि) में ग्राम पंचायतों की आय के रूप में जमा किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की प्रत्येक 58,189 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय स्थापित किया जा रहा है। इन सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय सुचारू रूप से चल सके, इसके लिए पंचायत सहायकों की भी तैनाती की गई है। अभी तक 56,366 पंचायत सहायकों को चयनित कर उन्हें प्रशिक्षित कर कार्य पर लगाया जा चुका है। ग्राम सचिवालय ग्रामीण जनता की रोजमर्रा की सभी आवश्यकताओं को पूरा कर सके, यह इनकी सफलता के लिए आवश्यक है।
प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायत सचिवालयों को कम्प्यूटर एवं इण्टरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध करायी जा रही है। ग्रामीण जन को आवश्यक अभिलेख/प्रमाण-पत्र ग्राम सचिवालय में पंचायत सहायक के माध्यम से प्राप्त हो सके, इसकी व्यवस्था बनाई जाएगी।
वर्ष 2022-23 में प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा-01 से 08 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में अन्तरित करने के सम्बन्ध में
मंत्रिपरिषद ने शैक्षिक सत्र वर्ष 2022-23 में प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा-01 से 08 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी की धनराशि प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डी0बी0टी0) के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में अन्तरित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
इसके साथ ही, मंत्रिपरिषद ने वित्त विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष में केन्द्रांश प्राप्त होने की प्रतीक्षा किये बिना निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी के मद की सम्पूर्ण धनराशि की अग्रिम वित्तीय स्वीकृति निर्गत करने हेतु प्रस्ताव को भी अनुमोदित कर दिया है। इससे समस्त अर्ह छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी की धनराशि ससमय डी0बी0टी0 के माध्यम से अन्तरित की जा सकेगी।
मंत्रिपरिषद ने भविष्य में किसी प्रक्रिया अथवा दरों में अपरिहार्य कारणवश परिवर्तन के सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने के लिए मुख्यमंत्री जी को अधिकृत करने के प्रस्ताव को भी अनुमति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि वर्तमान में कक्षा-01 से 08 तक के छात्र-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफॉर्म केन्द्र एवं राज्य सरकार के बजट से तथा जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग राज्य सरकार के बजट से निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने का प्राविधान है। शैक्षिक वर्ष 2021-22 में प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा-01 से 08 तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा तथा स्कूल बैग की धनराशि छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों को पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डी0बी0टी0) किया गया था। शैक्षिक वर्ष 2021-22 में डी0बी0टी0 के माध्यम से लाभान्वित छात्र-छात्राओं की संख्या 1,56,28,171 है। शैक्षिक वर्ष 2022-23 में 02 करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है।
छात्रा-छात्राओं को निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी उपलब्ध कराया जाना वचनबद्ध देयता है। डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि हस्तान्तरण के फलस्वरूप निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी हेतु धनराशि उपलब्ध कराने की पारदर्शी व्यवस्था स्थापित हो सकेगी तथा हस्तान्तरित धनराशि का ऑडिट ट्रेल रहेगा। विद्यालयों में नामांकित सभी बच्चों को एक साथ ही उक्त पांचों सुविधाएं-यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी उपलब्ध हो सकेंगी। इससे स्थानीय स्तर पर बाजार विकसित होगा, जिसके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। छात्र/छात्राओं को समय से सुविधाएं उपलब्ध होने से उनकी उपस्थिति एवं सीखने-सिखाने के वातावरण में सुधार होगा और कक्षा के अनुसार दक्षता प्राप्त करने हेतु अधिक अवसर मिल सकेगा। माता/पिता/अभिभावकों को यह स्वतंत्रता होगी कि बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा, स्कूल बैग तथा स्टेशनरी अपनी संतुष्टि के अनुसार क्रय कर सकेंगे।
आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के आयोजन हेतु एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा क्रय किये जाने वाले 02 करोड़ राष्ट्रीय ध्वजों के लिए धनराशि की व्यवस्था के सम्बन्ध में ग्राम्य विकास विभाग एवं नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के आयोजन हेतु एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा क्रय किये जाने वाले 02 करोड़ राष्ट्रीय ध्वजों के लिए धनराशि की व्यवस्था के सम्बन्ध में पंचायतीराज विभाग एवं नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम पूरे देश में मनाया जा रहा है। इसके तहत, 11 से 17 अगस्त, 2022 के मध्य ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में लगभग 4.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से 02 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज एम0एस0एम0ई0 विभाग से क्रय किये जाएंगे। शेष लगभग 2.5 करोड़ राष्ट्रीय ध्वज विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, स्वयं सेवी संगठनों एवं निजी सिलाई केन्द्रों से क्रय किये जाने हैं।
पंचायतीराज विभाग के तहत आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के आयोजन हेतु एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा क्रय किये जा रहे 02 करोड़ राष्ट्रीय ध्वजों में से 75 प्रतिशत अर्थात 01 करोड़ 50 लाख राष्ट्रीय ध्वजों का भुगतान पंचायतीराज विभाग द्वारा राज्य वित्त आयोग के अनुदान से किये जाने का प्रस्ताव है। प्रति राष्ट्रीय ध्वज की लागत लगभग 20 रुपये मानते हुए इस खरीद के लिए 30 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी। वित्त विभाग द्वारा माह जुलाई में प्राप्त होने वाली धनराशि लगभग 600 करोड़ रुपये होगी, उसमें से 30 करोड़ रुपये प्रस्तावित कार्य के लिए पंचायतीराज निदेशालय स्तर पर रोक कर, शेष धनराशि 15ः15ः70 के अनुपात में जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं ग्राम पंचायत को अवमुक्त की जाएगी। धनराशि को पंचायतीराज निदेशालय द्वारा एम0एस0एम0ई0 विभाग अथवा विभाग द्वारा निर्दिष्ट शासकीय संस्था को उपलब्ध कराया जाएगा।
नगर विकास विभाग के तहत प्रस्ताव है कि ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम के अन्तर्गत नगरीय क्षेत्रों में राष्ट्रीय ध्वजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आवश्यक धनराशि की व्यवस्था नागर निकायों को राज्य वित्त आयोग से प्राप्त हो रही धनराशि से, जनसंख्या के आधार पर समानुपातिक रूप से कटौती करते हुए सुनिश्चित की जाएगी। 10 करोड़ रुपये की यह धनराशि एम0एस0एम0ई0 विभाग को वास्तविक व्यय के आधार पर निदेशक, नगरीय निकाय द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। इस हेतु नामित कार्यदायी संस्था द्वारा ध्वज तैयार करने के लिए दिये गये निर्देशों का पूर्णरूपेण अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा।