बबुरी,चन्दौली। पावन पुरुषोत्तम श्रावण मास में महावीर मानस मंजरी मां बागेश्वरी समिति द्वारा बबुरी की अधिष्ठात्री देवी मां बागेश्वरी के प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिवस श्री धाम वृंदावन के प्रख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य राजेश किशोर गोस्वामी जी ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहां की नंद उत्सव के पश्चात भी बधाइयां देने का हर्षोल्लास बना रहा तब कंस के आदेश पर पूतना नाम की राक्षसी अपने स्तनों में जहर लगाकर भगवान कृष्ण को मारने आई उसे देखकर भगवान ने नेत्र बंद कर लिए पूतना भगवान को उठाकर आकाश मार्ग में ले गई भगवान ने दूध के साथ पूतना के प्राणों को भी पी लिया और उसका उद्धार कर दिया। महाराज जी ने कथा के प्रसंग में श्री राधा जन्मोत्सव भी बड़ी धूमधाम से मनाया और शिक्षा प्रदान की की बेटा बेटी में भेद नहीं समझना चाहिए एक समान दृष्टि रखना चाहिए शहनाई उसी के घर बजती है जिसके यहां बेटी का जन्म होता है।
प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए बताया कि भगवान ने अघासुर बकासुर धनु का सुर आदि कई राक्षसों का उद्धार किया माखन चोरी लीला का समाज को संदेश दिया कि पहले अपने परिवार को पुष्ट करें फिर विक्रय करें। चीर हरण लीला के अंतर्गत प्रभु ने समझाया कि जलाशय में कभी भी निर्वस्त्र होकर स्नान ना करें ऐसा करने से जल के देवता वरुण देव का अपमान होता है।
यमुना जी को कालिया नाग के प्रदूषण से मुक्त कराया और यमुना जल को स्वच्छ किया लेकिन आज कई कालिया उत्पन्न हैं जो भारत देश की स्वच्छ नदियों को प्रदूषित कर रहे हैं आज हमारे देश की नदियां प्रदूषित हो गई हैं समाज को एकजुट होकर नदियों को प्रदूषण से मुक्त कराना चाहिए जिससे वह पहले की भांति स्वस्थ हो जाएं। गोवर्धन पर्वत पूजा करवाई श्री कृष्ण ने ब्रज वासियों से पर्वत पूजा का उद्देश्य भगवान श्री कृष्ण का यही था की प्रकृति की पूजा ही परमात्मा की सच्ची पूजा है। महाराज जी ने बताया कि भगवान कृष्ण का एक नाम वनमाली भी है क्योंकि वह प्रकृति से बहुत स्नेह करते हैं प्रकृति है तो ही संसार है ।