, रेणुकूट। कृषि के बाद मछली पालन ग्रामीण परिवेश के लिए महत्वपूर्ण व्यवसायों में से एक है। गांव में यह व्यवसाय न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा देता है साथ ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत लाभदायक है। यदि मछली पालन सही तकनीक एवं प्रशिक्षण के साथ किया जाये तो यह बहुत आर्थिक रूप से काफी लाभदायक व्यवसाय है।
गांव में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हिण्डाल्को द्वारा सी.एस.आर. के माध्यम से संस्थान के मुखिया एन. नागेश के नेतृत्व एवं सी.एस.आर. प्रमुख अविजित के मार्गदर्शन में ग्राम कटौंधी में मछली पालन प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में दुद्धी विकास खण्ड के ग्राम दिघुल, बघाडू, गुलालझरिया, झारोखुर्द, कटौंधी, कटौली, मझौली, करमदांड, झारोकला एवं अन्य गांव से लगभग 70 कृषक एवं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया। आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्राम कटौंधी से मछली पालन विशेषज्ञ धर्मेन्द्र ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्वप्रथम सभी प्रतिभागियों को ग्राम कटौंधी के मछली पालन क्षेत्र का भ्रमण कराया गया जहां पर प्रशिक्षक धर्मेन्द्र ने पाली जाने वाली विभिन्न मछलियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न मछलियों की प्रजातियों को दिखाते हुए उनकी पालन एवं देखभाल की विधि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सजावटी मछलियों के पालन के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में वर्तमान मछली पालक कृषकों को भी आमंत्रित किया गया ताकि वे अपना अनुभव साझा कर नये लोगों को इस व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्ररित कर सकें।
व्यावहारिक प्रशिक्षण के पश्चात सभी प्रतिभागियों को मछली पालन व्यवसाय के विषय में विस्तार से जानकारी प्रदान करने के लिए ग्राम कटौंधी के सामुदायिक भवन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षक धर्मेन्द्र ने बताया कि ऐसे कृषक जिनके पास जमीन कम है और मछली पालन करना चाहते हैं उन्हे मछली बीज का व्यवसाय करना चाहिए और विकसित बीज को बड़े मछली पालक को विक्रय करके अधिक आय अर्जित कर सकते हैं। वहीं वे कृषक जिनके पास मछली पालन के लिए पर्याप्त क्षेत्रफल का तालाब उपलब्ध है वे बाजार के मांग को ध्यान में रखते हुए मछलियों के ऐसे प्रजातियों का पालन करें जिसमें अधिक से अधिक लाभ हो सके।
कार्यक्रम में उपस्थित हिण्डालको सी.एस.आर. के अधिकारी रमाकांत शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को इस व्यवसाय से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि गांव में स्वयं सहायता समूह एवं किसान क्लब सदस्य मछली पालन का व्यवसाय समूह बनाकर करें ताकि सभी समूह आपस में एक-दूसरे की सहायता करते हुए व्यवसाय लागत को कम कर अधिक से अधिक लाभ ले सकें। मछली पालन प्रषिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन में दुद्धी ब्लाक के मुख्य समन्वयक हरीहर प्रसाद यादव, सहायक समन्वयक विश्वनाथ कुशवाहा, क्लस्टर समन्वयक लक्ष्मण प्रसाद एवं एस.एच.जी. समन्वयक गोविन्द लाल का सराहनीय योगदान रहा।