आजीविका के लिए जमीन दे सरकार-आइपीएफ

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आइपीएफ की घोरावल में हुई बैठक, एजेंडा यू. पी. अभियान चलाने पर निर्णय
सोनभद्र ।रोजगार संकट के इस दौर में घोरावल में बड़े पैमाने में पलायन हो रहा है। इसे रोकने के लिए दलित, आदिवासी और अति पिछड़े भूमिहीन गरीबों को आजीविका चलाने हेतु एक एकड़ जमीन और आवासीय भूमि का प्रबंध सरकार को करना चाहिए। सरकार यदि कॉर्पाेरेट घरानों को उद्योग लगाने, सड़क बनाने, रेलवे और हवाई अड्डे बनाने के लिए जमीन का अधिग्रहण कर दे सकती है। तो उसे जमीन लेकर भूमिहीनों में वितरित करना चाहिए और वन अधिकार कानून में पट्टे का आवंटन होना चाहिए। यह मांग आज घोरावल तहसील में हुई ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट की बैठक में उठी।

बैठक में आईपीएफ के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहा कि उभ्भा कांड के बाद घोरावल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दौरा हुआ था और उन्होंने वादा किया था कि जितने भी पट्टे की जमीन है उस पर गरीबों को कब्जा दिलाया जाएगा। मठ, सोसाइटीज आदि के द्वारा जो अवैध रूप से भूमि कब्जा की गई है उसकी जांच कर कर गरीबों में वितरित किया जाएगा और वन अधिकार कानून में पट्टे मिलेंगे। यही नहीं बभनी में आयोजित आदिवासी सम्मेलन में भी उन्होंने प्रशासन को निर्देश देते हुए वन अधिकार में जमीन आवंटन की बात कही थी। बावजूद इसके घोरावल में अभी तक वनाधिकार कानून में आदिवासियों और अन्य वनाश्रित जातियों को पट्टे का आवंटन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न लोकतांत्रिक विचार समूहों ने मिलकर एजेंडा यू. पी. का गठन किया है और यह मांग की है कि हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, देश में रिक्त पड़े एक करोड़ सरकारी पदों पर तत्काल भर्ती और जमीन के अधिकार को दिया जाए। बैठक में घोरावल में एजेण्डा यूपी अभियान चलाने का निर्णय हुआश बैठक की अध्यक्षता सदानंद कोल और संचालन श्रीकांत सिंह ने किया। बैठक में सोहर लाल बैगा, दलवंती बैगा, मोहनलाल बैगा, मंसूर अली, युसूफ अली, अवध लाल बैगा, मैनेजर बैगा, मोहनलाल बैगा, रामकिशुन भारती उपस्थित रहे।

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