परमात्मा किसी व्यक्ति विशेष या जाति के नहीं – समर्थ रामदास महराज

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प्रयागराज। [ मनोज पांडेय ] समाजवाद की परिकल्पना को साकार करने हेतु प्रयागराज की पावन भूमि से शुरू पहल की स्थापना लखनऊ की धरती पर समसायिक परिस्थितियों और परमात्मा के वैश्विक आपदा रुपी संकेत में 21 दिसंबर 2020 को हण्डिया क्षेत्र में जनकल्याणार्थ भगवान परशुराम की निकाली गयी शोभायात्रा का कुशल संचालन स्वामी समर्थरामदास महराज के कृपापात्र समाजसेवी रमेश चतुर्वेदी के संयोजन मे 21 दिसंबर 2021 को सम्पन्न हुआ। समाज सेवी रमेश चतुर्वेदी के द्वारा आयोजित आन्जनेय महायज्ञ, कथा एवं भण्डारा का आयोजन एक वर्ष में ही एक नया किर्तिमान स्थापित कर समाज को एक प्रेरणादायी संदेश भी दिया। भगवान परशुराम हो या मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अवतरण का उद्देश्य केवल मानव कल्याण ही है।
उसी क्रम में परशुराम चेतनापीठ के संस्थापक/अध्यक्ष सपा के पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय ने लखनऊ की धरती महुराकला मे चिरंजीवी भगवान परशुराम की प्रतिमा और विश्व के सबसे उँचे फरसे को स्थापित कर एक नया प्रेरणादायी संदेश दिया। साथ ही साथ उस मंदिर और फरसे का पूजन, अर्चन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने करके वर्षों से सुर्खियों मे चल रहे भगवान परशुराम के अवकाश व मूर्ति स्थापना के अध्याय का पटाक्षेप किया, क्योंकि ब्राह्मण समाज के आदर्श व प्रतीक चिन्ह को लेकर राजनैतिक गलियारों मे सभी राजनैतिक पार्टियां भगवान परशुराम को लेकर अपने-अपने तरह से वादे करती रही लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया ने यह किर्तिमान स्थापित करके यह सिद्ध कर दिया कि परशुराम जंयती की घोषणा भी हमारी सरकार में हुई तो सरकार न रहने पर भी इस दायित्व का निर्वहन भी मेरे द्वारा ही होगा। यह निर्णय प्रवुद्धसमाज के सम्मान मे प्रेरणादायी संकेत भी है।

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