नहीं रहे पूर्व मंत्री एवं 7 बार के विधायक श्यामदेव राय चौधरी “दादा”

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*पीएम मोदी ने दादा के निधन पर शोक व्यक्त किया*

* स्वास्थ्य विभाग द्वारा शोक संवेदना एवं श्रद्धांजलि अर्पित की गई 

वाराणसी। पूर्व मंत्री एवं वाराणसी शहर दक्षिणी से 7 बार के रहे विधायक श्यामदेव राय चौधरी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए शोक की इस घड़ी में ईश्वर से परिजनों और समर्थकों को संबल प्रदान करने हेतु कामना की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने एक्स हैंडल से दादा के नाम से प्रसिद्ध रहे श्यामदेव राय चौधरी के साथ की अपनी दो फोटो को टैग कर लिखा हैं कि “जनसेवा में जीवनपर्यंत समर्पित रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता श्यामदेव राय चौधरी जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। स्नेह भाव से हम सभी उन्हें ‘दादा’ कहते थे। उन्होंने ना केवल संगठन को सींचने और संवारने में अहम योगदान दिया, बल्कि काशी के विकास के लिए भी वे पूरे समर्पण भाव से जुटे रहे। उनका जाना काशी के साथ-साथ पूरे राजनीतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में ईश्वर उनके परिजनों और समर्थकों को संबल प्रदान करे। ओम शांति!”

 वाराणसी में शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र के 1989 से 2017 तक लगातार सात बार भाजपा विधायक रहे 85 वर्षीय श्यामदेव राय चौधरी ‘दादा’ का मंगलवार को शहर के रवीन्द्रपुरी  कॉलोनी स्थित ओरियाना अस्पताल में इलाज के दौरान सुबह 10 बजकर 16 मिनट पर निधन हो गया। श्यामदेव राय चौधरी ‘दादा’ के निधन से काशीवासी काफी शोक में हैं। कैबिनेट मंत्री रहे ‘दादा’ जनता में काफी लोकप्रिय थे और भाजपा के काशी क्षेत्र के बड़े चेहरे के रूप में उनकी पहचान थी। श्यामदेव राय चौधरी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। विगत 5 नवम्बर को 6 बजकर 59 मिनट पर  उन्हें साँस में गंभीर संक्रमण, कार्डियोजेनिक शांक एवं अन्य गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।

शहर दक्षिणी से विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, मुख्या चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी एवं जिला प्रशासन के द्वारा लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही थी। दादा का इलाज डॉ सौमित्र अग्रवाल की देखरेख में चल रहा था, चिकित्सालय के द्वारा बताया गया कि इनका इलाज आयुष्मान भारत योजना (70 वर्ष से ऊपर) योजना के अंतर्गत किया जा रहा था| इन्हें सहायक पुनर्जीवन उपायों के साथ मेकैनिकल वेंटिलेशन पर रखा गया था। इनकी धड़कन इनोट्रोपिक एवं वेंटीलेटरी सहायता पर स्थिर थी। डॉ सौमित्र के नेतृत्व में चिकित्सीय टीम  के द्वारा लगातार निगरानी की जा रही थी, परन्तु 26 नवम्बर को सुबह कार्डियक अरेस्ट हुआ जिसमें चिकित्सकों के द्वारा विशेष प्रयास किए गये, परन्तु उन्हें बचाया न जा सका| सुबह 10 बजकर 16 मिनट पर अन्य शारीरिक जाँच के बाद मृत घोषित कर दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित समस्त चिकित्सा स्वास्थ्य एवं  परिवार कल्याण विभाग के द्वारा दादा की मृत्यु पर शोक संवेदना एवं श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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