विगत 07 वर्षों में 4415.55 करोड़ रूपये की लागत से धार्मिक, अध्यात्मिक पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है
लखनऊ: सांसदों, विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर पर्यटन विभाग द्वारा 4415.55 करोड़ रूपये की लागत से प्रदेश में स्थित अध्यात्मिक, पौराणिक एवं धार्मिक स्थलों का विकास किया जा रहा है। वर्ष 2017-18 से 2023-24 तक प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बुनियादी सुविधायें सृजित की जा रही है। धार्मिक एवं अध्यात्मिक पर्यटन स्थलों पर देशी-विदेशी पर्यटकों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन सुविधाओं का प्राथमिकता से विस्तार कर रही है।
यह जानकारी आज यहां प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक पर्यटन स्थल को विकसित किया गया है। उन्होंने बताया कि पर्यटकों/श्रद्धालुओं के उपयोग के लिए पर्यटक सुविधा केन्द्र, यात्री निवास, शौचालय, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था, बेंच, परिक्रमा मार्ग पर स्थित पड़ाव स्थल तथा घाट का निर्माण आदि कराये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्तावों के अंतर्गत जनपद अयोध्या में चौदह कोसी मार्ग पर पर्यटक सुविधा की स्थापना 12.10 करोड़ रुपये से, जनपद अयोध्या में 14 धार्मिक पर्यटन स्थलों (रिर्षभ सरभ पनास मंदिर, सियाराम किला, दिगम्बर अखाड़ा, तुलसी चौराहा मंदिर, कौसल्या घाट मंदिर, कालेराम मंदिर, नेपाली मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, विश्वकर्मा मंदिर, छोटी देवकली मंदिर, मायूर मंदिर, भारत महल मंदिर, राम गुलेला मंदिर, हनुमान मंदिर) के फसाड ट्रीटमेन्ट एवं पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं का कार्य 19.19 करोड़ रुपये से किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इसी प्रकार जनपद अयोध्या में चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग स्थित कुंडों का पर्यटन विकास/निर्माण कार्य 17.72 करोड़ रुपये से, चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग स्थित पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास/निर्माण कार्य 18.29 करोड़ रुपये से, चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग स्थित पर्यटन स्थलों (आश्रम) का पर्यटन विकास/निर्माण कार्य 17.56 करोड़ रुपये से, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग स्थित पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास/निमार्ण कार्य 18.67 करोड़ रुपये से, अयोध्या में ही 16 धामिर्क पर्यटन स्थलों (करतलिया बाबा मंदिर, तिवारी मंदिर, वेद मंदिर, सिंघम मंदिर, गारापुर मंदिर, मनीराम दास की छवनी मंदिर, बरेली मंदिर, रंग महल मंदिर, सीताराज महल मंदिर, मोतिहारी मंदिर, टेढ़ी याती महादेव मंदिर, राम पुस्तकालय मंदिर, विद्या देवी मंदिर, देवीकाली कुण्ड, श्री सरोवर मंदिर, धन्याक्ष्य कुण्ड) के फसाड ट्रीटमेन्ट एवं पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं का कार्य 34.10 करोड़ से कराया जा रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि जनपद प्रयागराज तहसील सदर के बालसन चौराहा स्थित महर्षि भारद्वाज आश्रम का पर्यटन विकास 13.35 करोड़ से, प्रयागराज के ही श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क का पर्यटन विकास 42.51 करोड़ रुपये से, जनपद मीरजापुर में विन्ध्य कॉरीडोर का निर्माण 128.95 करोड़ रुपये से, जनपद सीतापुर स्थित नैमिषारण्य में ललिता देवी मंदिर के निकट तीर्थयात्री सुविधा एवं कॉरीडोर का निर्माण 47.96 करोड़ से, जनपद वाराणसी में ओवरआल टूरिज्म डेवलपमेंट के अन्तर्गत पंचकोसी परिक्रमा यात्रा पड़ाव का पर्यटन विकास 41.20 करोड़ रुपये से, वाराणसी में ओवर ऑल टूरिज्म डेवलपमेंट योजना के अन्तर्गत 24.32 करोड़ रुपये से, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर साउण्ड एवं लाइट शो तथा दर्शकों के बैठने हेतु स्थान का निमार्ण 15.86 करोड़ रुपये से किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि मथुरा के अन्तर्गत बरसाना परिक्रमा मार्ग का विकास कार्य 18.73 करोड़ रुपये से, जनपद मथुरा में वासुदेव वाटिका का निर्माण एवं विकास कार्य 45.33 करोड़ और मथुरा परिक्रमा के विकास एवं सुदृढ़ीकरण 18.89 करोड़ रुपये से, सहारनपुर के शाकुम्भरी देवी शक्तिपीठ में पदयात्रा मार्ग का सुदृढ़ीकरण एवं पर्यटन सुविधाओं का विकास कार्य 16 करोड़ रुपये से, सहारनपुर के शाकुम्भरी देवी शक्तिपीठ में टीएफसी का निर्माण 22.16 करोड़ और पार्किंग का निर्माण 18 करोड़ रुपये से, मुजफ्फरनगर के शुक्रतीर्थ धाम में गंगा घाट का उच्चीकरण 19.90 करोड़, टीएफसी एवं पार्किंग का निर्माण कार्य 21.24 करोड़ से, जनपद हापुड़ के ब्रजघाट गढमुक्तेश्वर का समेकित पर्यटन सुविधाओं का सृजन एवं पर्यटन विकास कार्य 13.15 करोड़ रुपये से और टीएफसी मल्टीकल्चरल हब का पर्यटन विकास कार्य 22.53 करोड़ से कराया जा रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि इसी प्रकार हापुड़ के वीआईपी घाट पर पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं का सृजन 11.35 करोड़ रुपये से, जनपद चित्रकूट में तुलसीदास जी की जन्मस्थली राजापुर का समग्र पर्यटन विकास 20.89 करोड़ रुपये से, चित्रकूट स्थित रामघाट का सांस्कृतिक कायाकल्प, चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य 24.10 करोड़ रुपये से किया जा रहा है।