राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने यूनिटेक के पूर्व निदेशकों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को कई घर खरीदारों के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन के मामले में शुक्रवार को जमानत दे दिया गया है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मुकदमे से पहले हिरासत का उद्देश्य कभी भी दंडात्मक नहीं हो सकता। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के मुताबिक, आरोपियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर आवास परियोजनाओं के नाम पर घर खरीदारों से कई सौ करोड़ रुपये की धनराशि इकठ्ठा की है।
ईडी ने कहा कि आरोपियों ने इस राशि का शोधन किया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरज मोर ने जमानत मंजूर करते हुए कहा कि दोनों आरोपी पिछले ढाई साल से जेल में बंद हैं, जबकि मामले की सुनवाई अब तक शुरू भी नहीं हुई है।
न्यायाधीश ने कहा, इस मामले में अधिकतम सजा 7 वर्ष है और वे (संजय व अजय चंद्रा) इस मामले में उन्हें दी जाने वाली अधिकतम सजा का एक बड़ा हिस्सा पहले ही काट चुके हैं।
न्यायाधीश ने संजय चंद्रा और अजय चंद्रा की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अर्शदीप सिंह व विशाल गोसाईं की दलीलों पर भी गौर फ़रमाया। सिंह व गोसाईं ने दलील दी कि मामले में 71 आरोपी, 121 गवाह और लाखों सहायक दस्तावेज मौजूद हैं इसलिए मुकदमे में काफी समय लगने की संभावना है।