दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से आगामी छात्र संघ चुनावों को चुनौती देने वाली एक याचिका पर उसका रुख पूछा। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने JNU को उसके रजिस्ट्रार और डीन ऑफ स्टूडेंट्स के माध्यम से 15 मार्च से पहले अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
उच्च न्यायालय ने मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार के लिए तय की है। जेएनयू छात्रसंघ (JNUSU) चुनाव 22 मार्च को होना है और नतीजे 24 मार्च को आएंगे। विश्वविद्यालय के एक छात्र द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिशों (LCR) का उल्लंघन कर हो रहे हैं।
याचिकाकर्ता साक्षी ने कहा कि सिफारिशों में से एक के अनुसार, चुनाव शैक्षणिक सत्र शुरू होने के 6 से 8 सप्ताह के बीच होने चाहिए, लेकिन आगामी चुनाव शैक्षणिक सत्र के अंत में आयोजित किए जा रहे हैं।
याचिका में कहा गया, “शैक्षणिक सत्र के अंतिम दिनों में JNUSU चुनाव 2023-24 को अधिसूचित करने में प्रतिवादी का आचरण और कुछ नहीं बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मजाक और छलावा है, जिसका उद्देश्य एक निश्चित समूह को शांत करना है, और इस तरह इसका कोई उद्देश्य नहीं है।