कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट के ऑपरेशन थिएटर ब्लॉक का लोकार्पण , स्व0 श्री कल्याण सिंह जी की प्रथम पुण्यतिथि पर शासन एवं प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी पहली प्रतिमा इस संस्थान में स्थापित हुई, प्रदेश ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये, सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान उ0प्र0 ने अपनी क्षमताओं को साबित किया और राज्य में बेहतरीन कोविड प्रबन्धन का कार्य देखने को मिला, सुशासन और लोक कल्याण का मार्ग स्व0 बाबू जी ने अपनी कार्य पद्धति से प्रशस्त किया
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल स्व0 श्री कल्याण सिंह की प्रथम पुण्य तिथि पर उनकी प्रतिमा का अनावरण एवं कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट के ऑपरेशन थिएटर ब्लॉक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने स्व0 श्री कल्याण सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये हैं। ‘प्रत्यक्षम् किम् प्रमाणम्’ का ध्येय वाक्य व्यक्ति की योग्यता का मानक उसकी कर्तव्यनिष्ठा को इंगित करता है। जब मानवता किसी संकट से गुजरती है, उस समय तत्परता से मानवता की रक्षा करना ही, योग्यता की कसौटी माना जाता है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश ने अपनी क्षमताओं को साबित किया और राज्य में बेहतरीन कोविड प्रबन्धन का कार्य देखने को मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने श्री कल्याण सिंह जी के दिवंगत होने पर इस संस्थान का नामकरण उनके नाम पर किया। स्व0 श्री कल्याण सिंह जी की प्रथम पुण्यतिथि पर शासन एवं प्रदेशवासियों की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी पहली प्रतिमा इस संस्थान में स्थापित हुई है। श्री कल्याण सिंह जी की सरकार ऐसी सरकार थी, जिसने जो कहा वह कर दिखाया। उनका कार्यकाल बहुत सीमित समय का था, लेकिन उस सीमित समय के दौरान ही अपनी कार्यशैली से सुशासन की पुख्ता नींव डाली। वही पुख्ता नींव आज प्रदेश के समग्र विकास का आधार बन रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन और लोक कल्याण का मार्ग स्व0 बाबू जी ने अपनी कार्य पद्धति से प्रशस्त किया था। कल्याण सिंह जी के नाम के अनुरूप यह कैंसर इंस्टीट्यूट उत्तर प्रदेश व देश के नागरिकों को कैंसर से मुक्त कर कल्याण के पथ पर अग्रसर करने का कार्य करेगा। इस कैंसर इंस्टीट्यूट की वर्तमान क्षमता 734 बेड है, जिसे बढ़ाकर 1200 बेड तक किया जा सकता है। इस संस्थान ने कोविड कालखण्ड के दौरान प्रदेशवासियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी हैं। टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से लैस करने के लिए टाटा कैंसर इंस्टीट्यूट के साथ संवाद स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बुलन्दशहर मेडिकल कॉलेज का नामकरण स्व0 बाबू जी के नाम पर किये जाने की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है। महापुरुषों को उनके व्यक्तित्व के अनुरूप सम्मान देने एवं धरोहर को अक्षुण्ण बनाये रखने के कार्य को आगे बढ़ाना चाहिए, ताकि वर्तमान पीढ़ी उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से प्रेरणा प्राप्त कर सके। यह कार्य प्रदेश सरकार बखूबी कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में जहां 70 वर्षाें में केवल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज बनें। वहीं विगत 05 वर्षाें में 35 नये मेडिकल कॉलेज केन्द्र व राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से बनाए गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ का लक्ष्य हासिल करने की ओर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां वर्ष 2017 से पहले अन्धकार दिखाई देता था, वर्तमान में एल0ई0डी0 लाइटों का प्रकाश भव्यता प्रसारित कर रहा है। यह विहंगम दृश्य सहारनपुर से गोरखपुर की अपनी सद्यः यात्रा में देखा है। प्रदेश सरकार समग्र ग्रामीण विकास के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। एम्स, गोरखपुर प्रारम्भ हो चुका है। वाराणसी में कैंसर इंस्टीट्यूट ने कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों का नामकरण ऐतिहासिक और पौराणिक घटनाक्रम से जुड़े महापुरूषों के नाम पर रखने की कार्यवाही की गई है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि यह कैंसर इंस्टीट्यूट देश का सबसे बड़ा कैंसर इंस्टीट्यूट बनने की ओर अग्रसर है। यह प्रदेश सहित पूरे देश के कैंसर रोगियों के लिए वरदान साबित होगा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, केन्द्रीय आवासन एवं शहरी राज्य मंत्री कौशल किशोर, केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बी0एल0 वर्मा, सांसद राजवीर सिंह, वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह, लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।