स्वर्गीय दृगपाल शाह के पंडित नेहरू से जुड़े संस्मरण सुने मुख्यमंत्री ने
रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बीजापुर विधानसभा क्षेत्र के कुटरू में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान पूर्व सांसद स्वर्गीय दृगपाल शाह के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाकात की। स्वर्गीय दृगपाल शाह कुटरू और भोपालपट्टनम के बड़े जमींदार थे। उनका भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ उठना-बैठना भी था। कुटरू का जमींदार परिवार सार्वजनिक जीवन में काफी सक्रिय रहा।
मुख्यमंत्री ने उनके यहां शिकार के लिए उपयोग होने वाली पुरानी विंटेज कार भी देखी। श्री बघेल ने उनके परिजनों से कहा कि आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। स्वर्गीय दृगपाल शाह के नये पीढ़ी की बेटियां उद्यमशील हैं। एक बीटिया खेती में, एक एयरहोस्टेस और एक कॉलेज में है। मुख्यमंत्री ने कहा बहुत बढ़िया। मुख्यमंत्री ने परिजनों से स्वर्गीय दृगपाल शाह के पंडित नेहरू से जुड़े संस्मरण सुने। बघेल ने यहां जंगल के फलों का जायका लिया। इसमें ताड़ कांदा, रोस्टेड महुआ, तिल्ली महुआ शामिल था। मुख्यमंत्री ने परिजनों से कहा कि तेंदू मैंने सरगुजा में खूब खाया, इनका स्वाद भी शानदार है। स्वर्गीय दृगपाल शाह के परिजनों ने कहा यहां का देशी चीकू भी शानदार है।
उल्लेखनीय यह भी है कि कुटरू का क्षेत्र अपने समृद्ध वन्य जीवन के लिए भी प्रसिद्ध रहा है। देश में छत्तीसगढ़ की पहचान वाइल्ड लाइफ में वनभैसों से रही है और कुटरू इसका केंद्र रहा है। इस तरह से एक विशिष्ट सांस्कृतिक और खूबसूरत लैंडस्केप वाले क्षेत्र के रहवासियों से मिलने पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री के पहुंचने पर कुटरू में उत्सव सा माहौल है। आसपास के सभी ग्रामीण दूर से रास्ता तय कर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे हैं। प्रदेश सरकार की योजनाओं से उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ हुई है और सांस्कृतिक पहचान की पुनर्स्थापना की दिशा में काम हो रहा है। इनके देवता जिन देवगुड़ी में विराजित हैं। वे नए स्वरूप में निखर रही हैं। पुजारी अपनी वेशभूषा में मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करने पहुंचे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अपनी पुरानी पहचान को साथ लिए यह नए स्वरूप में निखरा कुटरू भी है। कुटरू जैसे दूरस्थ क्षेत्र में संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध है। न्यू बोर्न बेबी स्टेबलाइजेशन सुविधा है। सारी शासकीय सुविधाएं परिसर में मौजूद हैं।