बसंती बयार बहे सरसो फुलाईल…

 बसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में खूब झूमे लोग

सोनभद्र। बेटी भी बेटों के समान है। अगर बेटा पैदा होने पर घर में सोहर गूंजती है तो बेटी के भी जन्म पर यही खुशियां होनी चाहिए। ऐसा कर दिखाया है घोरावल ब्लाक के ढुटेर गांव निवासी इंद्र कुमार मौर्य ने। यह उत्साह और जश्न बेटी  बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को और मजबूत कर सकता है। बेटी पैदा होने पर इनकी पत्नी पार्वती ही नहीं समूचा परिवार खुशियों से झूम उठा और बरही के अवसर पर आयोजित कर दिया सांस्कृतिक कार्यक्रम।

वसंत पंचमी की पूर्व संध्या पर जागरण के रूप में हुए इस आयोजन में ओबरा से पधारीं सुप्रसिद्ध गायिका सुषमा शर्मा ने अपनी सुरीली आवाज में सीरवा पे मुकुट सोहे लीलरा पर विंदिया, शेर पर सवार भईनीं भौरो जी क दीदीया’ व मेरी झोपड़ी की भाग खुल जाएगी राम आएंगे-राम आएंगे’ आदि गीत गाकर जहां श्रोताओ को भक्ति के सागर में गोता लगाने के लिए विवश कर दिया, वही गायक संदीप मौर्य ने ‘जौनपुर शीतला धाम चैकिया, चाहे मैहर वाली के, चल न दरबार पाहाड़ा वाली के’ तथा मौसमी गीत बसंती बयार बहे सरसो फुलाईल, ये हो पिया कहा बाय तूं भुलाइल’ सुनाकर माहौल को और खुशनुमा बना दिया। इसी में रंग भर दिया इनके ही मधुर कंठ से प्रस्तुत गीत ‘बम-बम बोल रहा है काशी’। अनाड़ी अनाड़ी लाल यादव भी ‘माटी के मूरति के सकल मुसकाइ के, अजबे रूप सुहावन लागे दुर्गा माई के’ से कार्यक्रम को भक्ति में बना दिया। सोहर, होली के साथ ही अन्य मार्मिक गीत भी लोगों को खूब झुमाया। कार्यक्रम का शुभारम्भ ‘गौरीनंदन हे जग वंदन’ स्तुति से हुआ। साज-सज्जा (म्यूजिक) में कीबोर्ड वादक विभूति नारायण मौर्य, नाल नीतीश विश्वकर्मा, पैड वादक तन्नू लाल दीवाना का भी लोगों ने खूब  सराहना की। इस अवसर पर भुवनेश्वर, श्याम सुंदर, सीताबी, गोपाल, विनोद कुमार, विजय कुमार, योगेंद्र कुमार, श्याम कुमार, विश्वानंद, विवेकानंद, अजीत, अभिषेक कुमार, रितेश कुमार, गुलाब प्रसाद सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।

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