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मित्र राष्ट्र नेपाल से भी शामिल हुए साहित्यकार बिजय वर्मा व चंद्रेश्वर त्रिपाठी बाराबंकी। तकनीकी रूप से कोई भाषा उतनी ही सुदृढ़ होगी जितना अधिक डेटा उपलब्ध होगा। गूगल के लिए अवधी बिल्कुल नई भाषा है, इसलिए अधिक से अधिक डेटा जुटाना होगा। एआई और मशीन को सिखाने के लिए पद्य से अधिक गद्य साहित्य परिणामपरक होता है क्योंकि वाक्य संरचना गद्य साहित्य से ही सुलभ होगी। उक्त विचार मुख्यवक्ता डॉ सत्येन्द्र अवस्थी वरिष्ठ सन्दर्भ व्यक्ति, भाषा संस्थान, मैसूर कर्नाटक ने अवधी भारती संस्थान द्वारा होटल रॉयल रियलाइट में आयोजित अवधी भाषा और…