आयुष चिकित्सा पद्धति हमारी प्राचीन विरासत है, करें इसका प्रसार- दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’

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विभाग के सभी कार्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू किया जाए, अधिकारी स्वयं भी करें अस्पतालों का निरीक्षण -आयुष मंत्री

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने आज राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी औषधि निर्माणशाला लखनऊ में विभागीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार के निर्देश दिए एवं कहा कि विभाग के सभी कार्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए और 10 बजकर 10 मिनट के बाद आने वालों को अनुपस्थित मानकर उनकी सैलरी काटी जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अनियमितता अथवा कार्य में लापरवाही क्षम्य नहीं है और वो व्यक्तिगत रूप से रोजाना अटेंडेंस का डेटा मॉनिटर करेंगे।

श्री मिश्र ने विभाग को निर्देश दिए कि आयुष चिकित्सालयों के निर्माण के लिए दान में मिली हुई जमीनों को विभाग अपने नाम करें साथ ही जहां जहां अतिक्रमण है वहां प्रशासन के सहयोग से अतिक्रमण हटवाकर कराकर परिसर को अतिक्रमणमुक्त करवाएं। आयुष चिकित्सा पद्धति हमारी प्राचीन विरासत है इसके प्रचार प्रसार के साथ ही जगह जगह कैंप लगाए जाएं और लोगों को इसके बारे में जागरूक करें। श्री दयालु ने निर्देश दिए कि विभाग के अधिकारी भी समय निकालकर अपने सभी पुराने और नए बन रहे अस्पतालों का निरीक्षण करें एवं अगर कहीं दुर्व्यवस्था नजर आए तो उसे प्राथमिकता के साथ तुरंत दुरुस्त कराएं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी लगातार अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं और उन्हें पता है कि कहां किस तरह का काम हो रहा है, इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए और निरीक्षण को रूटीन में लाएं। 

आयुष मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि मार्केट में उपलब्ध अवैध दवाओं को कार्यवाही करके बंद करवाई जाए साथ ही आयुष चिकित्सालयों में सप्लाई हो रहे दवाओं की एक्सपायरी डेट का डेटा भी बनाकर रखें ताकि एक्सपायर होने के बाद वह दवाएं प्रयोग में न लाई जा सकें और उन्हें नष्ट कर दिया जाए। बैठक में आयुर्वेद निदेशक, क्षेत्रीय यूनानी अधिकारी एवं ड्रग इंस्पेक्टर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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