वाराणसी/ परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी के प्रिय गृहस्थ शिष्य श्री सर्वेश्वरी समूह के कर्मठ, निष्ठावान एवं पूर्णतया समर्पित सदस्य 78 वर्षीय लाल भुवनेश्वर नाथ शाहदेव “लालूजी” का रांची स्थित अपने आवास पर सोमवार, दिनांक 26 फरवरी 2024 को मध्याह्न में शिवलोक गमन हो गया। वे अपने पीछे अपनी धर्मपत्नी, चार पुत्र, पुत्रवधू एवं पौत्री से भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। श्री लालूजी एक जिंदादिल, प्रसन्नचित्त तथा अपनी मस्ती में निमग्न रहने वाले व्यक्ति थे। आश्रम में निवास करते हुए निरंतर सभी लोगों के पथ्य एवं बलाबल का ध्यान रखते थे और वे कुछ नया से नया, अच्छे से अच्छा व्यंजन बनाने-खिलाने में विशेष रूचि रखते थे।
श्री लालूजी श्री सर्वेश्वरी समूह के सर्वप्रिय एवं सभी के श्रद्धेय वरिष्ठ सदस्य थे। श्री सर्वेश्वरी समूह के लोग तथा उनके जानने-पहचानने वाले सभी लोग इस दुखद समाचार को सुनकर स्तब्ध रह गए। वे श्री सर्वेश्वरी विधि से संस्कारों को संपादित करने वाले अधिकृत प्रकांड आचार्य थे। उनके आकस्मिक निधन से श्री सर्वेश्वरी समूह संस्था एवं सर्वेश्वरी परिवार की अपूरणीय क्षति हुई है। यह सूचना पाकर परमपूज्य बाबा औघड़ गुरुपद संभव राम जी (अध्यक्ष: श्री सर्वेश्वरी समूह, बाबा भगवान राम ट्रस्ट व अघोर परिषद् ट्रस्ट) रात्रि में ही जशपुर (छ०ग०) से चलकर वाराणसी स्थित पड़ाव आश्रम पहुँच गए। श्री लालूजी का पार्थिव शरीर रांची से लाकर मंगलवार, दिनांक 27 फरवरी 2024 को श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम, अवधूत भगवान् राम कुष्ठ सेवा आश्रम, पड़ाव, वाराणसी में प्रातः 8 बजे पूज्यपाद बाबा गुरुपद संभव राम जी तथा संस्था के अन्यान्य प्रान्तों से पधारे अनुयायियों की उपस्थिति में विधिवत पूजनोपरांत अघोरेश्वर भगवान राम घाट पर सर्वेश्वरी पद्धति से अग्नि को समर्पित कर दिया गया। मुखाग्नि उनके कनिष्ठ पुत्र उपेन्द्र नाथ शाहदेव ने दिया।