बर्मिंघम के बाद लंदन में भी फहराया तिरंगा

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कॉमनवेल्थ फेंसिंग चैंपियनशिप में भवानी देवी ने जीता गोल्ड, ऑस्ट्रेलियाई तलवारबाज को हराया

बुधवार सुबह भारत वासियों को एक और गर्व का क्षण मिला। जब वे उठे तो उनके चेहरे में मुस्कान थी, क्योंकि बर्मिंघम के बाद अब लंदन में जन…गण…गन बज रहा था और तिरंगा शान से फहरा रहा था। यह गर्व का मौका दिया टोक्यो ओलिंपिक में अपने प्रदर्शन से देश का दिल जीतने वाली तलवारबाज भवानी देवी ने। 28 साल की इस तलवारबाज ने कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल कर लिया। उन्होंने सेवर कैटेगरी के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ी वैसलेवा को 15-10 से हराया। उनका इस चैंपियनशिप का यह दूसरा गोल्ड है।भवानी ओलिंपिक खेलने वाली भारत की पहली तलवारबाज हैं। ओलिंपिक में भवानी ने फेंसिंग में पहला मैच जीतकर देश का नाम रोशन किया था। हालांकि, वे दूसरा मैच हार गईं। फिर भी अपने पहले मैच के प्रदर्शन से भवानी ने एक नया इतिहास रच दिया। वे ओलिंपिक में भारत के लिए पहला मैच जीतने वाली तलवारबाज बनी थीं।भवानी के पिता मंदिर में पुजारी हैं। वे मंदिरों और लोगों के घर पर जाकर पूजा करवाते हैं। मां हाउस वाइफ हैं। घर में 5 भाई-बहन हैं। भवानी सबसे छोटी हैं। घर की स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी और फेंसिंग के इक्विपमेंट भी महंगे थे। ऐसे में भवानी ने बांस की लकड़ी से तलवारबाजी सीखी। बाद में इक्विपमेंट भी खरीदे। रियो ओलिंपिक की तैयारी के लिए पिता ने उधार लिया। इतना ही नहीं, उनकी मां को अपने गहने भी गिरवी रखने पड़े।

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