सामाजिक आशा ट्रस्ट द्वारा संचालित अध्ययन केंद्र और स्वावलम्बन प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़ी लड़कियां महामारी स्वच्छता अभियान के तहत एक अभिनव प्रयोग से तहत पैड बैंक का संचालन करती हैं जिससे लगभग 8 दर्जन से अधिक सदस्य जुडी हुयी हैं । बैंक की मुख्य जिम्मेदारी साझा करने के लिए हुए चुनाव में सिलाई प्रशिक्षिका सरोज सिंह को अगले तीन माह के लिए प्रबंधक चुना गया । उनकी सहायता के लिए निक्की राजभर और सुनीता यादव को सहायक प्रबंधक चुना गया ।
इस अनोखे बैंक का संचालन विगत 6 माह से किया जा रहा हैं जिसके अंतर्गत सभी सदस्यों को माहवारी के दौरान प्रयोग किये जाने वाले सैनिटरी नैपकिन खरीद मूल्य से काफी कम मूल्य पर उपलब्ध कराए जाते हैं, इसमें सदस्य के अंशदान से दूना व्यय आशा ट्रस्ट वहन करती है । प्रत्येक सदस्य प्रतिमाह 3 पैकेट सेनेटरी नैपकिन प्राप्त कर सकती है । प्रबन्धक सरोज सिंह ने बताया कि ग्रामीण परिवेश में सहजता से न उपलब्ध होने एवं संकोच के कारण प्रायः लड़कियां पैड का प्रयोग नही कर पाती हैं ऐसे में इस बैंक से जुड़ने पर उन्हें सहजता और मुद्रित मूल्य से चौथाई मूल्य पर पैड उपलब्ध हो जा रहा है ।
आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सैनिटरी नैपकिन की उपलब्धता सहज और सस्ती होनी चाहिए, इस बारे में प्रभावी नीति बनानी चाहिए ।