शरद ऋतू के आते ही इस्पात नगरी बना खिलखिलाते फूलों का स्वप्नील शहर

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राउरकेला। शरद ऋतू के आगमन के साथ इस्पात नगरी राउरकेला, अपने जादुई आकर्षण से प्रकृति प्रेमियों के लिए एक मनमोहक स्थान में बदल गया है । पश्चिमी ओडिशा के दुर्गापुर पहाड़ी की तलहटी में बसा यह शहर ठंड के महीनों के दौरान लुभावने दृश्य और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करता है। अपनी हरियाली आभा और शांत वातावरण के लिए जाना जाने वाला राउरकेला प्रकृति और शहरी जीवन का एक बेहतरीन सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है, जो दर्शकों को परादीश का सा अन्हुभाव प्रदान करता है । 

“स्वच्छ और हरित” शहर के नाम से मशहूर, राउरकेला के हरे-भरे परिदृश्य, विशाल मखमली घास के मैदान और शांत वातावरण किसी भी प्रकृति प्रेमी के लिए स्वप्नलोक से कम नहीं है। करघनी की तरह शहर के चारों ओर दौडती हुई 16 किलोमीटर की रिंग रोड दोनों ओर से हरे-भरे पेड़ से ढंका हुआ है जो एक मनमोहक नजारा पेश करता है। हवाई नज़ारा से देखने पर, सर्दियों में खिलने वाले पीले फूलों से सजे वृक्ष अपने पीताम्बरी चमक बिखेरते हुए एक मनोरम दृश्य प्रस्तुत करते हुए परीलोक का सा प्रतीत होते हैं । 

राउरकेलावासी हर साल सर्दियों के आगमन का बेसब्री से इंतजार करते हैं, बागवानी के प्रति अपने जुनून से शहर के सौंदर्य को और निखारते हैं। उनके सुव्यवस्थित उद्यान, रंग बिरंगे फूल और पौधों से भरे हुए बाग़ उद्यान, शहर की प्राकृतिक सुंदरता में चार चाँद लगा देते हैं। राउरकेला को परिभाषित करने वाली व्यापक हरियाली राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी)  द्वारा दशकों के समर्पित प्रयासों का परिणाम है। शहर में और उसके आसपास 52 लाख से अधिक पेड़ लगाए गए हैं, जो 2,000 एकड़ से अधिक के विशाल क्षेत्र को कवर करते हैं। वार्षिक मानसून वृक्षारोपण अभियान शहर के हरे आवरण को और समृद्ध बनाते हुए यह सुनिश्चित करते हैं कि राउरकेला प्रकृति प्रेमियों के लिए हमेशा एक स्वर्ग बना रहे ।

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