वाराणसी। बनारस में कुश्ती दंगल और जोड़ी-गदा फेरने की पुरानी परम्परा रही है, इसी कारण शंकुलधारा पोखरा, कटहरिया मेले में उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल के पिता स्वर्गीय रामाशंकर जायसवाल द्वारा दो दशक से अधिक अवधि से इसका आयोजन कराया जाता आ रहा है। इस दंगल से प्रभावित होकर पहलवान स्व. रामाशंकर जायसवाल के पौत्र एवं मंत्री रविंद्र जायसवाल के सुपुत्र आयुष जायसवाल ने गदा फेरकर दंगल का संचालन किया।
इस अवसर पर आयुष जायसवाल ने कहा कि मेरे पूज्य पहलवान दादा जी स्व. रामाशंकर जायसवाल जी की स्मृति में कुश्ती, जोड़ी-गदा, दंगल का आयोजन हर साल किया जाता है। इसमें प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से पहलवान दमखम दिखाने आते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि धन्य धरा है काशी और धन्य हैं स्वनाम धन्य श्री श्रीधर जी मिश्र। उत्साहित होकर उत्साह से…..केवल शारीरिक बल के सहारे लड़ा जाता है, वह है कुश्तीपुराणों में भी कुश्ती का उल्लेख मिलता है। कुश्ती पूरे विश्व में खेले जाने वाले प्रमुख खेलों में से एक है पैतृक गुणों से प्रभावित हूँ और मेरा मानना है कि कुश्ती से न केवल शरीर बनता है, वरन् मानसिक विकास भी जबरदस्त होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। नियमित रूप से धैर्य, अनुभवशीलता, चपलता आदि अनेक बातें पैदा होती हैं। जरुरत है इसे संरक्षण की जरूरत है इसे अपने जीवन में उतारने की जरूरत है समाज में इस हेतु सामाजिक लोगों की।