चन्दौली रंग महोत्सव के तीसरे दिन हुआ विभिन्न नाटकों का मंचन 

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देश की नामचीन संस्थाओं के कलाकार ले रहे भाग 

चन्दौली।पं0दीन दयाल उपाध्याय नगर, मुगलसराय में अस्मिता नाट्य सांस्कृतिक संस्थान के तरफ से आयोजित पच्चीसवें चन्दौली रंग महोत्सव के तीसरे दिन सान्ध्य बेला मे कुल चार नाटकों का मंचन हुआ। 

सर्वप्रथम राजधानी दिल्ली से चलकर आयी  रंग संस्था शिवायु ड्रामेटिक एसोशिएशन ने नाटक रिहर्सल का मंचन किया। 

एक चोर की जिन्दगी जीते जीते वो चोर कब अच्छा इन्सान बन गया और कब अच्छा इन्सान बुरा बन गया इसी ताने बाने पर यह नाटक दर्शको को कुर्सी पर बैठने के लिए आश्वस्त किया। आयुष चन्द्र मौर्य द्वारा निर्देशित इस नाटक मे एक कैरेक्टर का नाम बहुत चर्चाओ मे रहा का लफ्न्डीस…

हुनर रंग संस्था के द्वारा आज के दूसरे नाटक रामायण पर आधारित बृक्ष वाटिका रहा सुनील दत्त बिश्वकर्मा द्वारा इस नाटक मे सभी पात्रो ने रामायण को मंच पर जिवन्त किया 

इसके पहले स्व0 रंजन मेमोरियल सेवा समिति को समर्पित इस नाटक के मुख्य अतिथि नगर बिधायक रमेश जायसवाल और उद्घाटन कर्ता  सुभाष मिश्रा जी ने मॉ सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यापर्ण करके किया। कार्यक्रम के सन्दर्भ मे विधायक ने कहा कि आज बड़ा ही अच्छा लग रहा है कि हमारे बिधान सभा क्षेत्र मे बिभिन्न परिधानों मे सजे चेहरे जो बिभिन्न राज्य से आये है अपने कला का प्रदर्शन चन्दौली रंग महोत्सव  के मंच पर कर रहे है । यह सब आयोजक मंडल के मेहनत का असर है। आज एक स्वस्थ मनोरंजन देखने को मिल रहा है।

सुभाष मिश्रा ने कहा कि फिल्म की अन्तिम सीढ़ी का पहला पायदान रंगमंच होता है जहॉ से अभिनय सिख कर मनुष्य रुपहले पर्दे के तरफ अग्रसर होता है। बिशिष्ठ अतिथि विश्वकर्मा समाज के जिलाध्यक्ष घनश्याम विश्वकर्मा ने भी कार्यक्रम कि प्रशंसा की । विशिष्ठ अतिथि ड्ब्लू राय ने कहा कि आज जरूरत है नागरिकों को जागरूक करने का कि एक व्यापार यह भी है लेकिन बहुत मेहनत का. सफर है। राजेन्द्र निगम ने कहा कि आज हमे आपको इस तरह का नजारा देखने को मिल रहा है।यह आयोजन मंडल की वजह से संभव हो सका है।आइये आयोजक के हाथ को मजबुत करे वही आज का तीसरा नाटक कलाश्री रंग संस्था पटना का नाटक रहा। आखरी रंग. निर्देशन प्रेम राज बर्मा के इस नाटक मे मानव के तीनो रंग बचपन जवानी और बुढ़ापा तीनो रंग को अभिनय के माध्यम से दर्शकों को दिखाया। आज का अन्तिम नाटक रहा मिहिर चट्टोपध्याय द्वारा लिखा और समरजीत दास द्वारा निर्देशित  क्रान्तिकारी नाटक ग्रेनाईट रहा ।रूस मे हुए क्रांति को केन्द्र बनाकर इस नाटक की परिक्ल्पना की गई थी। कार्यक्रम को सफल बनाने मे निक्की गुप्ता राकेश अग्रवाल विवेक चौहान, कुमार शौर्यान्श देवेश महाराज रहे ।उसके पहले कार्यक्रम आज के कार्यक्रम का आरम्भ दिपक राज के सरस्वती बन्दना से हुआ .सेमी क्लासिकल और क्लासिकल नृत्य मे उड़ीसा से आई रंग संस्था झाकुढ़ा नृत्य एकेडमी की आराध्या दास और सोनाली बान्छोर ने किया उसके बाद पटना से डी0 वर्षम ने फोक डांस किया कार्यक्रम का संचालन नीली अग्रहरि ने किया।

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