अब तक 18 हजार 288 बच्चों का हुआ उपचार, योजना के तहत जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चों में 44 तरह की बीमारियों का होता है निःशुल्क जाँच एवं उपचार
रायपुर / बच्चे का जन्म परिवार में खुशियां लेकर आता है । पर कभी-कभी नवजात का आगमन मां-बाप को खुशी का मौका देने के साथ ही उनके माथे पर चिंता की लकीर भी खींच देता है । जन्मजात विकृति के साथ पैदा हुए बच्चों के परिजनों को भविष्य की चिंता सताने लगती है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु योजना) के माध्यम से ऐसे बच्चों और उनके परिवारों की चिंता निःशुल्क जाँच एवं पूर्ण उपचार कर दूर की जा रही है। चिरायु योजना (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) के माध्यम से वर्ष 21-22 में अब तक प्रदेश में 18 हजार 288 बच्चे जो विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे का पूर्ण उपचार किया गया है। इस योजना ने अनेक परिवारों की परेशानी दूर करने के साथ ही पीड़ित बच्चों को नव जीवन दिया है।
बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लाक के ग्राम भनेशर का बालक खोशांग दिव्य पिता संजय दिव्य का जन्म सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मस्तूरी में 15 दिसम्बर 2015 को हुआ था। बच्चे का जन्म से हृदय रोग से पीड़ित होने के कारण माता पिता द्वारा बच्चे का कई बड़े अस्पतालों में ईलाज करने का हर संभव प्रयास किया गया लेकिन बच्चे के दिल में बड़े छेद ¼VSD½ होने की वजह से आपरेशन जटिल था और सर्जरी छत्तीसगढ़ में संभव नहीं थी। मस्तूरी ब्लाक के चिरायु दल द्वारा बच्चे की जानकारी होने पर घर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, दल द्वारा बच्चे की उच्च स्तरीय जाँच हेतु बिलासपुर रिफर किया गया। केस की जटिलता को देखते हुए डाक्टरों के दल द्वारा खोशांग को उच्च स्तरीय उपचार हेतु चिरायु में अनुबंधित अस्पताल अपोलो चिल्ड्रेन हॉस्पिटल,चेन्नई रिफर किया गया। प्रदेश के बाहर डॉक्टरों के दल द्वारा रिफर अस्पताल में बच्चे के ईलाज हेतु चिरायु योजना के मध्यम से आवश्यक कार्यवाही कर उपचार की व्यवस्था की गई। खोशांग का पहला आपरेशन जुलाई वर्ष 2016 में एवं दूसरा आपरेशन वर्ष 2019 में किया गया।
वर्ष 2022 में खोशांक के दिल का तीसरा व जटिल ऑपरेशन भी चिरायु योजना अंतर्गत चेन्नई में 06 अप्रैल 2022 को सफलतापूर्वक कराया गया। बेटे का सफल आपरेशन और उसके चेहरे की मुस्कराहट ने माता पिता को आत्मविश्वास से भर उनके सपनों को नई उड़ान दे दी है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) अंतर्गत जन्म से 18 वर्ष तक के बच्चे जो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होते है का निःशुल्क उपचार किया जाता है। चिरायु टीम द्वारा स्कूलों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर पीड़ित बच्चों का चिन्हांकन कर चिरायु योजना के अंतर्गत पंजीयन किया जाता है। चिरायु दल द्वारा इन बच्चों की उच्च स्तरीय जांच कर अनुबंधित अस्पतालों में ऑपरेशन करवाया जाता है।