रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी को शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उनकी पुलिस हिरासत अगले आठ दिनों के लिए बढ़ा दी है।
छह आरोपियों में से पांच ने संसद सुरक्षा चूक मामले में पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अपनी सहमति दे दी है, जबकि दो ने नार्को विश्लेषण और ब्रेन मैपिंग के लिए भी सहमति जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक, नीलम आजाद ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया है। आरोपी ललित झा, महेश कुमावत और अमोल ने पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अपनी सहमति दी है, जबकि आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन ने पॉलीग्राफ, नार्को विश्लेषण और ब्रेन मैपिंग के लिए अपनी सहमति दी है।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी को शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उनकी पुलिस हिरासत अगले आठ दिनों के लिए बढ़ा दी है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार आरोपी नीलम आजाद की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उसने अपनी पुलिस हिरासत को अवैध बताकर रिहाई का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
वर्ष 2001 में संसद पर आतंकवादी हमले की बरसी के दिन 13 दिसंबर, 2023 को एक बड़ी सुरक्षा चूक की घटना में सागर शर्मा और मनोरंजन डी नामक दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए। उन्होंने ‘केन‘ से पीले रंग की गैस छोड़ी और नारे लगाए। बाद में उन्हें कुछ सांसदों ने काबू में कर लिया। लगभग उसी समय दो अन्य आरोपी अमोल शिंदे और आजाद ने भी संसद भवन परिसर के बाहर ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन गैस छोड़े। मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों के अलावा ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है।