… विनायक गोडसे, सीईओ, भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद
क्रिप्टोकरेंसी आधारित अर्थव्यवस्था का स्वरूप सही मायनों में वैश्विक है, और यह जरूरी नहीं है कि जिस भी देश में इसका लेन-देन होता है, वहां इसका संचालन या नियंत्रण बेहतरीन ढंग से हो। वैसे तो मुद्रा लिस्टिंग और ट्रेडिंग एक्सचेंज पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता बढ़ाने और इसका आपराधिक इस्तेमाल होने से बचाने के लिए अपने-अपने नियंत्रण को सख्त कर रहे हैं, लेकिन संबंधित चेन में शामिल क्रिप्टो टोकन और अंतर्निहित विभिन्न लेन-देन का दुरुपयोग किए जाने की अभी भी व्यापक गुंजाइश है। कुछ टोकन ऐसे होते हैं जिनमें गोपनीयता और गुमनामी काफी अधिक होती है। यही कारण है कि ये टोकन स्वाभाविक रूप से अपराधियों को काफी लुभाते हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 20% खतरनाक आपराधिक हमले अब क्रिप्टोकरेंसी की फंडिंग से जुड़े होते हैं। आम इंटरनेट उपयोगकर्ताओं से संवेदनशील संवाद को छिपाने के लिए एक सीक्रेट नेटवर्क बनाने के प्रयास के रूप में जो कुछ भी शुरू हुआ था उसने अब एक पूर्ण डार्कनेट का रूप ले लिया है। यह दरअसल अंतर्निहित प्रौद्योगिकियां उन सीक्रेट नेटवर्कों को दे देता है, जहां मानक ब्राउजरों के माध्यम से नहीं पहुंचा जा सकता है और इनका सूचीकरण सर्च इंजनों द्वारा नहीं किया जाता है। इसके तहत विभिन्न तरह के फोरम, चैट रूम, फाइलों और पिक्चर होस्ट के माध्यम से संवाद कराया जाता है। इतना ही नहीं, इसने वाणिज्यिक सुविधाएं भी विकसित कीं जिससे अवैध लेन-देन के लिए विभिन्न बाजार उभर कर सामने आ गए। क्रिप्टोकरेंसी और डार्कनेट के बीच सांठगांठ होने के परिणामस्वरूप यह संदिग्ध लेन-देन एक नए स्तर पर पहुंच जाता है। बड़े पैमाने पर क्रिप्टोकरेंसी की चोरी करने या क्रिप्टोकरेंसी द्वारा वित्त पोषित अन्य कार्यों को अंजाम देने के प्रयासों के तहत साइबर अपराधी बड़ी तेजी से डार्क वेब की ओर रुख कर रहे हैं। इस तरह के माहौल में आपराधिक जांच करना बेहद कठिन हो गया है।
जो डार्कनेट होता है वहां वेबहोस्टिंग प्रदाताओं से संपर्क करने, क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय प्राधिकरणों के माध्यम से काम करने, अदालती आदेशों की तामील करने एवं इनका अनुपालन सुनिश्चित करने, और संबंधित चीजों को हटाने के आदेश जैसे मानक कार्य नहीं हो पाएंगे। यूएनओडीसी की डार्कनेट खतरा आकलन रिपोर्ट 2020 के अनुसार, अवैध डार्कनेट बाजार में साइबरस्पेस और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया जाना दरअसल कानून पर अमल करने के मार्ग में एक बड़ी चुनौती है। इस रिपोर्ट के अनुसार, टोर नेटवर्क में बाजारों की संख्या वर्ष 2011 के महज 1 से बढ़कर वर्ष 2019 में 118 हो गई। संबंधित उत्पादों की संख्या और विविधता भी बेहद ज्यादा बढ़ गई। उदाहरण के लिए, वल्हल्ला, जो कि एक डार्कवेब बाजार है, वर्ष 2015 के 5,000 से बढ़कर वर्ष 2018 में 13,000 हो गया। नशीली दवाओं (कोकीन, हेरोइन, एवं दर्द निवारक सहित), आग्नेयास्त्र और गोला-बारूद, हैकिंग उपकरणों एवं सेवाओं, और कई अन्य वस्तुओं की बिक्री वहां होती है। कुछ ऑनलाइन बाजारों में तो यहां तक कि क्रेडिट कार्ड संबंधी जानकारियां और नकली दस्तावेज भी बेचे जाते हैं। इसके लिए पसंदीदा भुगतान विकल्प कोई और नहीं, बल्कि क्रिप्टोकरेंसी ही है। वैसे तो बिटकॉइन ही अभी भी इसके लिए प्रमुख मुद्रा है, लेकिन कहीं अधिक गोपनीयता और गुमनामी सुनिश्चित करने वाले टोकन का चलन काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है। कोविड का प्रकोप बढ़ने के बाद टोर के उपयोगकर्ताओं की संख्या काफी तेजी से बढ़ गई थी।
प्रमुख डार्कनेट में अक्सर डेटा को कई भागों में विभाजित करने, उसे एन्क्रिप्ट करने और फिर समकक्ष नोड्स के बीच उसे वितरित करने की विकेंद्रीकृत वितरित विधि का उपयोग किया जाता है। केवल इच्छित उपयोगकर्ता ही उनके साथ साझा की गई विभिन्न सीक्रेट की के माध्यम से इस तक पहुंच पाते हैं। उनमें से जो भी अगुवाई करता है वह एकतरफा टनल पर निर्भर करता है, जो कि या तो किसी गंतव्य पर ट्रैफिक भेजने के लिए बाहर की ओर अग्रसर हो सकती हैं या ट्रैफिक स्वीकार करने के लिए अंदर की ओर अग्रसर हो सकती हैं। वहीं, दूसरी ओर टोर ब्राउजर दरअसल टोर सर्किट नामक नेटवर्कों पर चलता है ताकि वेबसाइटों को ब्राउज करते समय उपयोगकर्ताओं को गुमनाम रखा जा सके। यह वितरित नेटवर्क रिले के माध्यम से उपयोगकर्ता ट्रैफिक को भेजता है जिसका प्रबंधन स्वयंसेवकों द्वारा किया जाता है, जो कि टोर नेटवर्क के रूप में भी जाने जाते हैं। डिस्क फोरेंसिक, मेमोरी फोरेंसिक, और नेटवर्क फोरेंसिक को जब डार्कवेब की मॉनिटरिंग के साथ जोड़ा जाता है, तो वे कलाकृतियों के निष्कर्षण, एम्बेडेड एंटी-फोरेंसिक तत्वों का पता लगाने, टोर ब्राउजर के पथ को जानने, संबंधित ट्रैफिक में अवरोध उत्पन्न करने, फाइल सिस्टम की मैपिंग करने और समयावधि का विश्लेषण करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
कानून प्रवर्तन एजेंसियां इन चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रही हैं। क्रिप्टो टोकन से जुड़ी आपराधिक जांच और संबंधित संचालन कार्य धीरे-धीरे बेहतर हो रहे हैं। निजी क्षेत्र के साथ सहयोग देश की सीमाओं के भीतर और उसके पार काफी अधिक देखा जाता है। क्रिप्टोकरेंसी बाजार के हितधारकों, विशेषकर क्रिप्टो एक्सचेंजों ने गैरकानूनी इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए शिकंजा कसना शुरू कर दिया। जिम्मेदार क्रिप्टो एक्सचेंज कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हुए प्रतीत होते हैं। ब्लॉकचेन के विश्लेषण और क्रिप्टो जांच के अनेक तरीके उभर रहे हैं। इस प्रयास में सहायता के लिए अब विशिष्ट उपकरण, क्षमताएं, और सेवाएं तैयार की गई हैं।
दुनिया भर की कई कानून प्रवर्तन एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से कुछ सफलता मिली। वे कुछ मामलों में कुछ लोगों या बाजारों की पहचान करने में सक्षम साबित हुई थीं। ठोस कार्रवाई के लिए खुफिया जानकारी जुटाने और समन्वित कार्यों का समय पर निष्पादन करने के लिए उच्च स्तर पर सहयोग की आवश्यकता होती है। भौगोलिक सीमाओं से बाधाएं उत्पन्न होती हैं, क्षेत्राधिकार संबंधी चिंताएं बाधाओं का कारण बनती हैं, खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान के लिए अनुकूल नियम न होने से संबंधित जांच पटरी से उतर सकती है, और कानूनी प्रावधान न होने से आपराधिक अवसंरचना को जब्त करना मुश्किल हो सकता है।
सुसंगत, मात्रात्मक और गुणात्मक डेटा की कमी अभी भी एक चुनौती है, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों की खतरा-पहचान क्षमता, प्राथमिकता निर्धारित करने और संसाधन जुटाने को काफी सीमित कर रही है। हालांकि, ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस [ओएसआईएनटी] तरीकों को देखते हुए संबंधित सूचनाएं साझा करने, डेटा विश्लेषण, विशेष उपकरणों का उद्भव करने, और विशेष कौशल का उपयोग करने को अक्सर क्रिप्टो और डार्क वेब से जुड़े अपराधों की जांच के लिए निर्दिष्ट किया जाता है। कानून प्रवर्तन अधिकारियों को अपनी क्षमताओं में वृद्धि करनी चाहिए, विभिन्न युक्तियां सीखनी चाहिए, विभिन्न उपकरणों एवं तरीकों के बारे में स्वयं सचेत रहना चाहिए, और निजी क्षेत्र में उपलब्ध कौशल के साथ सहयोग करना चाहिए। उन्हें संबंधित जानकारियों को आपस में जोड़ने, डार्कनेट पर हो रही विभिन्न गतिविधियों का खुलासा करने, और इस नेटवर्क के खिलाफ अभियानों में सक्रिय रूप से शामिल होने के तरीके तलाशने चाहिए। डार्कनेट नेटवर्कों, सेवाओं, क्रिप्टोकरेंसी जांच, और सूचना एकत्र करने की विशेष राजनीतिक, नीतिगत और परिचालन समझ ही इसमें सफलता की कुंजी होगी, जैसा कि यूएनओडीसी ने सलाह दी है।
एनएफटी, एआई, और मेटावर्स के मौजूदा दौर में 13 और 14 जुलाई को एनसीआर में अपराध और सुरक्षा पर होने वाले जी20 सम्मेलन में इस बात पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा कि एक समाज के रूप में हम क्रिप्टोकरेंसी और डार्कनेट के वर्तमान जमाने में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने में व्यापक प्रगति आखिरकार कैसे हासिल करते हैं।