परिवार नियोजन साधनों को अपनाने को लेकर बढ़ी जागरूकता  – डॉ. आर.बी. शरण 

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   दस माह में आठ हजार से अधिक महिलाओं ने अपनाई नसबंदी महिलाएं  भी निभा रहीं हैं  परिवार नियोजन में अहम भूमिका 
चन्दौली ।
परिवार नियोजन के प्रति लोगों  में जागरूकता बढ़ी है| यह इस बात से साबित होता है कि  महज दस माह के भीतर जिलें में 8311 महिलाओं व 32 पुरुषों ने नसबंदी की सेवा प्राप्त की है | यह जानकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर.बी. शरण ने दी |डॉ. शरण ने बताया कि परिवार नियोजन  के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही उनसे सहयोग प्राप्त कर “नसबन्दी कार्यक्रम” को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है | परिवार नियोजन के स्थाई व अस्थाई साधनों को अपनाने के प्रति जागरूक करने व केन्द्रों पर परिवार नियोजन की हर सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए हैं| इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता व एएनएम घर-घर जाकर दंपति से सम्पर्क स्थापित करती हैं और उनका पंजीकरण करने के साथ ही उन्हें केन्द्र पर लाकर सुविधा उपलब्ध कराती हैं| इसके सार्थक परिणाम भी आ रहे हैं| जिलें में अप्रैल 2021 से अब तक 8311 महिलाओं व 32 पुरुषों को  नसबंदी की सेवा प्रदान की गई है | इसके   अलावा प्रसव पश्चात कॉपर-टी 3963, अंतरा 6560, छाया 6289 की सुविधा भी प्रदान की गई |सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धानापुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. जे.पी. गुप्ता ने बताया कि कोविड काल के दौरान भी परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने और  महिला व  पुरूषों की सहभागिता  बढ़ाने के लिए प्रचार प्रसार कर उन्हें जागरूक किया जा रहा हैं |  इसके तहत ब्लॉक में 205 आशा व 21 एएनएम घर-घर जाकर दंपति से सम्पर्क स्थापित करती हैं |उनको केन्द्र पर प्रत्येक वर्ष  नवम्बर से लेकर फरवरी  के प्रत्येक सोमवार को आयोजित होने वाले नसबंदी के विशेष कार्यक्रम में सुविधा उपलब्ध कराती हैं| इस आयोजन के लिए प्राथमिक स्तर पर आशा व एएनएम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | उन्होंने बताया कि अप्रैल 2021 से अब तक 490 महिलाएं और आठ  पुरूषों को  नसबंदी की सेवा प्रदान की गई है | इसके साथ ही प्रसव पश्चात कॉपर-टी 863, अंतरा 1229, छाया 1320 की  सुविधा दी गयी | डा. गुप्ता कहते हैं कि एक से अधिक बच्चों वाले दम्पति को परिवार नियोजन के साधन अपनाना चाहिए| पुरुष नसबंदी को अपनाने से किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत  नही आती  है। यदि दो बच्चे हैं तो वह नसबन्दी करवाने के लिए आशा व एएनएम से संवाद स्थापित कर नियोजन से संबधित जानकारी लेकर केंद्र पर नि:शुल्क सेवा ले सकते हैं। मिलती है प्रतिपूर्ति राशि – नसबंदी वाले पुरुष लाभार्थियों को 3000 रुपये व नसबंदी कराने वाली महिला लाभार्थियों को 2000 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि दी जाती है। साथ ही अंतरा इंजेक्शन के लाभार्थियों को 100 रुपये दिया जाता है । आशा कार्यकर्ता को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये व महिला नसबंदी पर 300 रुपये और अंतरा इंजेक्शन पर 100 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती हैं ।

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